‘हर बार मुझे सत्संग में छोड़ कर वापस लेने आता था, मगर आज हमेशा के लिए ही छोड़ गया’

punjabkesari.in Monday, Nov 19, 2018 - 01:25 PM (IST)

अमृतसर (संजीव, अरुण): हर बार मुझे सत्संग में छोड़ने के लिए आता और फिर सत्संग से वापस लेने भी पहुंचता। मगर आज मेरे दिल का टुकड़ा मुझे हमेशा के लिए छोड़ कर कहीं चला गया है। यह कहना था बम ब्लास्ट में मारे गए 17 वर्षीय संदीप सिंह की माता सिमरनजीत कौर का। उसका लाल यह कह कर सत्संग में बैठा था कि वह वापस उसे लेकर ही जाएगा। लेकिन क्या पता था कि आज के बाद वह कभी अपने परिवार के साथ मिल भी नहीं पाएगा। 

सिमरनजीत अपने दोनों बेटों संदीप व मोहनदीप के साथ सत्संग में आई थी। उसने बताया कि जब संदीप सबसे आगे जाकर बैठने लगा तो उसने उसे एक बार कहा भी था कि पीछे आकर उसके पास आकर बैठे। लेकिन संदीप को उन्हें छोड़ कर जाना था। सिमरनजीत ने बताया कि एक जोरदार धमाका हुआ और चारों तरफ धुआं-सा फैल गया। वह भाग कर हॉल से बाहर आ गई। जब उसने बाहर अपने छोटे बेटे संदीप सिंह को नहीं देखा तो उसने अपने दूसरे बेटे मोहनदीप को कहा कि संदीप कहां खो गया है। वह फिर से हॉल में गई, जहां खून से लथपथ उसका बेटा जमीन पर पड़ा था। जब तक वह उसे उठाती, हॉल में मौजूद सेवादार उसे उपचार के लिए अस्पताल में ले आए थे। जब वह पीछे-पीछे अस्पताल आई तो उसकी दुनिया उजड़ चुकी थी। उसका लाल मौत के आगोश में जा चुका था।

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‘तू है निरंकार मैं तेरी शरण हां, मैनू बख्श’ का सिमरन करती रही प्रवीण

निरंकारी भवन राजासांसी से प्रचारक महापुरुष सुखदेव कुमार की मौत भी उनकी पत्नी प्रवीण कुमारी को तोड़ नहीं सकी और वह आखिरी बार अपने पति का चेहरा देखने अस्पताल पहुंची तो थी, लेकिन वहां ‘तू है निरंकार मैं तेरी शरण हां, मैनू बख्श’ का ही सिमरन करती रही। प्रवीण कुमारी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके पति ने निरंकार की सेवा करते हुए अपनी आखिरी सांस ली है। मेरे आंसू उनकी इस कुर्बानी के लिए बहुत छोटे है। इसलिए वह उन्हें आंखों से बाहर नहीं निकलने देंगी। 

पति की मौत के कुछ क्षणों बाद जब प्रवीण कुमारी ने न्यूजीलैंड में अपनी बेटी के साथ बात की तो एक तरफ प्रवीण कुमारी अपनी बेटी को उसके पिता की मौत का गम न करने के लिए कह रही थी, वहीं विदेश में बैठी महापुरुष सुखदेव कुमार की बेटी लाइव होकर अपनी मां से किसी भी तरह की टेंशन नहीं लेने को बोल रही थी। उसने कहा कि वह जल्दी ही उनके पास पहुंच रही है। उसके पिता संत थे और सतगुरु की सेवा करते हुए सतगुरु के पास ही चले गए हैं। अब उन्हें उनकी मौत का शोक कर उनकी इस कुर्बानी को छोटा नहीं करना चाहिए। 

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बम निरोधक दस्ते के साथ ‘हैरी’ पहुंची जांच के लिए

राजासांसी के गांव अदलीवाल में सत्संग के दौरान निरंकारी भवन में हुए बम ब्लास्ट के बाद जहां भवन के सुरक्षा घेरे को बढ़ा दिया गया था, वहीं ब्लास्ट की फोरेंसिक जांच के लिए बम निरोधक दस्ता डॉग स्क्वायड में शामिल हैरी (कुतिया) को लेकर मौके पर पहुंचा, जहां हैरी की मदद से सुराग जुटाने का प्रयास किया गया। वहीं, बम निरोधक दस्ते ने मौके से सुराग जुटाए। 

सभी डेरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए: डेरा मुखी

राजासांसी के गांव अदलीवाल में स्थित निरंकारी डेरे के मुखी ओंकार सिंह ने पंजाब सरकार से मांग की है कि बम ब्लास्ट में मारे गए महापुरुषों व घायल हुए लोगों के लिए मुआवजे का सरकार उचित प्रबंध करे, जिसमें मरने वाले परिवार के सदस्य को नौकरी के साथ-साथ उसकी उम्रभर की रोजी-रोटी का जरिया दिया जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब ही नहीं, बल्कि देश भर में उनके डेरे चल रहे हैं, जहां सत्संग के समय सरकार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करवाए। सत्संग के दौरान आज हुए बम ब्लास्ट को एक आतंकवादी घटना कहा और उस पर गहरा शोक भी व्यक्त किया। 

ऐसे मामलों में सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति
निरंकारी डेरे में हुए बम ब्लास्ट के बाद कांग्रेस के विधायक डॉ. राज कुमार वेरका मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लेने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। कारण कोई भी हो, आरोपी कैसा भी हो, उसे बहुत जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि विदेशों में बैठे कुछ आतंकी उनके अमन पसंद पंजाब में दहशत का माहौल पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके मंसूबों को कभी भी कामयाब नहीं होने देगी। 

 


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