IGMC में प्रतिबंध के बावजूद खुलेआम बेची जा रही मिनरल वाटर की बोतलें

punjabkesari.in Monday, Nov 19, 2018 - 01:21 PM (IST)

शिमला (जस्टा): हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में प्रशासन के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हद तो यह है कि प्रशासन ने अस्पताल में एक महीने पहले मिनरल वाटर की बोतलें न बेचने पर रोक लगाई है बावजूद इसके अस्पताल के पास कैंटीनों और दुकानों में खुलेआम मिनरल वाटर की बोतलें बिक रही हैं। प्रशासन ने अस्पताल के पास कैंटीनों और दुकानदारों को सख्त निर्देश दिए थे कि पुराने स्टाक को शीघ्र ही खत्म कर दिया जाए लेकिन अब निर्देश देेने के  बाद एक माह बीत चुका है। अभी भी मिनरल वाटर की बोतलें बिक रही हैं। बताया जा रहा है कि यहां पर दोबारा से स्टाक मंगवाया जा रहा है। इसकी ओर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। 

प्रशासनिक अधिकारी द्वारा सिर्फ यही निर्देश दिए जा रहे हैं कि स्टाक दोबारा न मंगवाएं। उल्लेखनीय है कि आई.जी.एम.सी. प्रशासन ने प्लास्टिक फ्री होने के चलते मिनरल वाटर की बोतलें बेचने पर रोक लगाई है। प्रशासन का दावा है कि अस्पताल प्लास्टिक फ्री हो जाएगा और लोगों को बीमारी का भी खतरा नहीं रहेगा। अस्पताल में अक्सर देखा जाता है कि खाली बोतलें इधर से उधर पड़ी रहती हैं, जिससे अस्पताल में गंदगी फैल जाती है लेकिन अब प्रशासन के सब दावे खोखले नजर आ रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी का कहना था कि आई.जी.एम.सी. में वाटर ए.टी.एम. लगा है। 

अब मरीजों और तीमारदारों को वाटर ए.टी.एम. से स्वच्छ जल मिलेगा लेकिन कैंटीन और दुकानदार की कमाई के चलते मिनरल वाटर की बोतलों को बेचना बंद नहीं कर रहे हैं। अगर दुकानदार मिनरल वाटर को बेचना बंद करते हैं तो उनकी इनकम पर भी असर पड़ जाएगा। अब देखना यह है कि अस्पताल कब प्लास्टिक फ्री होगा। यहां पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जब प्रशासन ने मिनरल वाटर पर रोक लगाई है तो क्यों बंद नहीं किया जा रहा है। इससे तो साफ जाहिर है कि प्रशासन भी कार्रवाई करने को लेकर गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है। प्रशासन ने अगर मिनरल वाटर को बेचने पर रोक लगाई है तो कैंटीन और दुकानदारों को नोटिस जारी कर दिए जाने चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

वाटर ए.टी.एम. से मुंह फेर रहे लोग 
आई.जी.एम.सी. में जो वाटर ए.टी.एम. स्थापित किया गया है उससे मरीज और तीमारदार मुंह फेर रहे हैं जबकि प्रशासन ने मरीजों और तीमारदारों की सुविधा के लिए ही ए.टी.एम. को स्थापित किया है। प्रशासनिक अधिकारी ने मरीजों और तीमारदारों से आग्रह किया कि वे पैसों से मिनरल वाटर की बोतलें न खरीदकर वाटर ए.टी.एम. का प्रयोग करें। ए.टी.एम. में बिल्कुल स्वच्छ जल मिल रहा है। मरीज और तीमारदार पैसे देकर ही मिनरल वाटर को खरीद रहे हैं। 

लोगों को ए.टी.एम. से नहीं आ रहा पानी निकालना 
आई.जी.एम.सी. में स्थापित ए.टी.एम. से लोगों को पानी निकालना नहीं आ रहा है। अक्सर देखा गया है कि जब कोई लोग ए.टी.एम. के पास जाता है तो वह कुछ समय के लिए सोचता ही रह जाता है और जब उसे पानी निकालना नहीं आता तो वह कैंटीन में जाकर पानी की बोतल खरीदता है। अस्पताल में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र से लोग अपना उपचार करवाने आते हैं, उन्हें वाटर ए.टी.एम. की कोई जानकारी नहीं होती है। ऐसे में वे मिनरल वाटर की बोतलों को ही खरीद रहे हैं।
 


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Ekta

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