स्पेस में पीरियड्स को ऐसे मैनेज करती हैं म​हिलाएं, किसी चुनौती से कम नहीं है यह काम

punjabkesari.in Monday, Nov 19, 2018 - 12:08 PM (IST)

इंटरनैशनल डेस्कः पिछले कुछ सालों से महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर बेहतर प्रदर्शन देते आ रही हैं। ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं होगा जहां महिलाओं ने अपना परचम नहीं लहराया हो। न केवल धरती पर रहकर बल्कि स्पेस में भी महिला अंतरिक्ष यात्री रिसर्च के लिए जाती हैं। स्पेस में जाने से पहले अंतरिक्ष यात्रियों को कई तरह के फिजिकल और मेंटल टेस्ट का सामना करना पड़ता है। उनका पूरा चेकअप होता है। इन सब में से एक सवाल यह आता है कि बाकी सब तो ठीक है, लेकिन स्पेस में महिला अंतरिक्ष यात्री जीरो ग्रैविटी में पीरियड्स को मैनेज करना कोई आसान काम नहीं है और उसी हालत में काम करना और भी मुश्किल होता है।
PunjabKesari
ऐसे में उनके साथ डॉक्टरों की टीम भी रहती हैं जो उन्हें पीरियड्स को रोकने की दवा देते हैं हालांकि मेडिसिन लेकर पीरियड्स को रोकना पूरी तरह से उनकी मर्जी पर निर्भर करता है। वे चाहें तो सैनेटरी नैपकिन या टैम्पॉन का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। गायनोलॉजिस्ट और रिसर्चर्स का इस बारे में कहना है कि, स्पेस में भी धरती की ही तरह पीरियड्स अपने फिक्स डेट पर ही आता है। फीमेल एस्ट्रोनॉट्स मिशन पर जाने से पहले ही अपने साथ दवाइयां लेकर जाती हैं, जिन्हें खा लेने से उनके पीरियड्स नहीं होते हैं। यह पूरी तरह से उनकी चॉइस है कि वे इसे मैनेज करना चाहती हैं।
PunjabKesari
वैसे डॉक्टर्स का यह भी मानना है कि, स्पेस में इस तरह की दवाईयों का सेवन फायदेमंद होता है।पीरियड्स को रोकने वाली ये दवाईयां बॉडी में एस्ट्रोजेन हार्मोन को बढ़ावा देती हैं, जिससे उनकी हड्डियां मजबूत होती हैं यानि कि इससे एक बात तो साफ है कि, धरती की ही तरह स्पेस में पीरियड्स सामान्य ही होते हैं,लेकिन जीरो ग्रैविटी में इस स्थिति से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं हैं और दुनिया भर की फीमेल एस्ट्रोनॉट्स इस चुनौती का सामना सालों से ही सफलतापूर्वक करती आ रही हैं।
PunjabKesari
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News