ग्रामीण विकास मंत्री बोले-हिमाचल में स्थापित होंगी 4 मछली प्रसंस्करण इकाइयां

punjabkesari.in Sunday, Nov 18, 2018 - 06:45 PM (IST)

बड़ूही (अनिल): ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पशु एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सहकारिता के माध्यम से मछली क्षेत्र में 4 प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इन प्रसंस्करण इकाइयों के माध्यम से जहां तैयार उत्पादों को बेहतर दाम मिल सकेंगे वहीं स्वरोजगार गतिविधियों को भी बल मिलेगा। वीरेंद्र कंवर आज कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के लठियाणी में 65वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय सहकार दिवस के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

मछली पालन के क्षेत्र में 33 सहकारी सभाएं कर रहीं काम
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में मछली पालन के क्षेत्र में 33 सहकारी सभाएं कार्य कर रही हैं तथा इनकी गतिविधियों को मजबूती प्रदान करने से जहां सहकारिता आंदोलन को गति मिलेगी वहीं रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को बाजार के अभाव में तैयार उत्पादों के विपणन की सुविधा न होने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसे सहकारिता के माध्यम से सुविधा प्रदान करने के प्रयास किए जा सकते हैं। केंद्र सरकार ने सहकारिता क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए एक हजार करोड़ रुपए के बजट प्रावधान के साथ राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम की स्थापना की है। एन.सी.डी.सी. के माध्यम से सहकारिता गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग किया जाता है।

सहकारिता के क्षेत्र में पिछड़ा प्रदेश
कंवर ने कहा कि ऊना जिला देश में सहकारिता का जनक है तथा वर्ष 1892 में पंजावर गांव से ठाकुर हीरा सिंह ने भू-संरक्षण के क्षेत्र में सहकारी सभा को पंजीकृत कर इसकी शुरूआत की थी, लेकिन आज देश व दुनिया को सहकारिता का मार्ग दिखाने वाला प्रदेश सहकारिता के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है, जिसे मजबूती प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया।

सहकारी कर्मियों की मांगें की जाएंगी पूरी
कंवर ने महाराष्ट्र व गुजरात की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी दुग्ध क्षेत्र में सहकारिता आंदोलन को आगे बढऩे की प्रबल संभावनाओं को देखते हुए कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कार्य करने से जहां किसानों को दुग्ध उत्पादों के बेहतर दाम सुनिश्चित हो सकेंगे, वहीं निजी उद्यमियों के माध्यम से किसानों का शोषण भी रुकेगा। उन्होंने कहा कि जिला ऊना में हिमकैप्स के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए प्रदेश को एक मॉडल दिया है।

ऊना का 43 प्रतिशत हिस्सा सहकारिता से जुड़ा
उन्होंने कहा कि जिला ऊना की कुल जनसंख्या का 43 प्रतिशत हिस्सा सहकारिता से जुड़ा हुआ है तथा जिला में वर्तमान में कुल 377 सहकारी सभाओं के माध्यम से लगभग 2 लाख 25 हजार लोग जुड़े हुए हैं तथा जिला में सहकारी सभाओं की कुल कार्यशील पूंजी लगभग 1883 करोड़, 10 लाख, 87 हजार रुपए है। उन्होंने सहकारी सभाओं के कर्मचारियों द्वारा रखी मांगों पर कहा कि प्रदेश सरकार के माध्यम से इन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने निर्माणाधीन सहकार भवन के कार्य को पूर्ण करने के लिए जरूरत के अनुसार बजट उपलब्ध करवाने का भी आश्वासन दिया।

बेहतरीन कार्य करने वालीं सभाएं पुरस्कृत
इससे पहले उन्होंने जिला व खंड स्तर पर बेहतरीन कार्य करने वाली विभिन्न सहकारी सभाओं को पुरस्कृत किया। सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं सुरेंद्र कुमार ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए जिला में सहकारी सभाओं की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। इस अवसर पर विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।

ये रहे मौके पर मौजूद
इस अवसर पर मंडलाध्यक्ष मनोहर लाल, महामंत्री मास्टर तरसेम लाल, चरणजीत शर्मा, विजय शर्मा, प्रधान सहकारी सभाएं सर्वजीत ठाकुर, मुकेश कुमार, राजेंद्र राणा, अमित, सुरेन्द्र शर्मा, प्रमोद राणा, विजय कुमार, मदन राणा, देश राज राणा, रमेश भडौलियां, राजेंद्र शर्मा, प्रधान लठियाणी सत्या देवी, उपप्रधान जोगेन्द्र शर्मा, बबली ठाकुर, संजीव राणू, राम सिंह, शकुंतला, राजेन्द्र मलांगड़, कुलदीप, संजीव पराशर, जिला पंचायत अधिकारी रमण शर्मा और बी.डी.ओ. सोनू गोयल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।


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Vijay

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