राजस्थानः वसुंधरा राजे के खिलाफ कांग्रेस के दांव से राजनीतिक पंडित भी हैरान
punjabkesari.in Saturday, Nov 17, 2018 - 05:05 PM (IST)
नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 32 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। पार्टी ने बड़ा दांव खेलते हुए झालरापाटन से भाजपा के पूर्व नेता मानवेन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को खिलाफ मैदान में उतार दिया है। दरअसल, राजे ने झालरापाटन सीट से आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। कांग्रेस ने मानवेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाकर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है। अब तक यहां ऐसा ही माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ‘बचाकर’ रखेगी। दूसरा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई बार कह चुके थे कि पार्टी इस बार ‘पैराशूट’ उम्मीदवारों को मौका नहीं देगी।
32 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी
कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने यहां यह सूची जारी की, जिसमें सबसे प्रमुख नाम भाजपा से हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए मानवेंद्र सिंह का है। मानवेंद्र पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रहे जसवंत सिंह के पुत्र हैं। कांग्रेस ने गत 15 नवंबर की रात उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इस सूची में 152 उम्मीदवारों के नाम थे। पहली सूची में कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, सचिन पायलट और सी पी जोशी को भी चुनाव मैदान में उतारा। गहलोत सरदारपुरा विधानसभा सीट से, सचिन पायलट टोंक से और सीपी जोशी नाथद्वारा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
वसुंधरा के खिलाफ चुनौती स्वीकार: मानवेंद्र सिंह
उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद मानवेंद्र ने कहा कि राहुल गांधी और केंद्रीय चुनाव समिति ने मुझ पर विश्वास जताया है। मैं उनका आभारी हूं। यह एक चुनौती है, जिसे स्वीकार करता हूं। उन्होंने कहा कि यह पहले से तय नहीं था। पार्टी की ओर से अचानक से मुझसे कहा गया। मेरी इच्छा लोकसभा चुनाव लड़ने की थी और वह आज भी है। लेकिन फिलहाल पार्टी ने यह जिम्मेदारी दी है, जिसे मैं पूरी तरह निभाऊंगा। बता दें कि मानवेंद्र सिंह पिछले कुछ समय से भाजपा से नाराज चल रहे थे और हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे।
क्या है मामला
दरअसल, 2014 के आम चुनावों में पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर जसवंत सिंह निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे। हालांकि, इसमें जीत कांग्रेस से भाजपा में आए कर्नल सोना राम चौधरी के हाथ लगी। तभी से मानवेंद्र, उनका परिवार व समर्थक भाजपा से नाराज चल रहे हैं। इसी सितंबर में मानवेंद्र ने बाड़मेर में एक बड़ी स्वाभिमान रैली की और 'कमल का फूल, बड़ी भूल' कहते हुए भाजपा से अलग हो गए थे।
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