''पंजाब केसरी'' सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस: लुधियाना के अरविंद्रप्रीत बने चैम्पियन

punjabkesari.in Saturday, Nov 17, 2018 - 10:24 AM (IST)

जालन्धर(भारती): पंजाब केसरी सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस की ओर से द ग्लेरिया डी.एल.एफ. मॉल में करवाई जा रही 7वीं नैशनल एमैच्योर चैस चैम्पियनशिप का समापन शुक्रवार को हुआ। 10 नवम्बर को शुरू हुई प्रतियोगिता में 18 राज्यों के करीब 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। 7 दिवसीय प्रतियोगिता में कुल 11 राऊंड करवाए गए थे, इसमें लुधियाना के अरविंद्रप्रीत सिंह विजेता बने। विभिन्न कैटेगरी में विजेता टॉप-2 खिलाडिय़ों को वल्र्ड और एशियन एमैच्योर चैस प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। 

इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर, पंजाब स्टेट चैस एसोसिएशन के प्रैसीडैंट नरेन्द्र सिंह, पंजाब स्टेट चैस एसोसिएशन और जालन्धर चैस एसोसिएशन के सैक्रेटरी मुनीष थापर, जालन्धर चैस एसोसिएशन के वाइस प्रैसिडैंट अश्विनी तिवाड़ी, द ग्लेरिया डी.एल.एफ. मॉल (वेन्यू पार्टनर) के दिनेश हांडा ने विजेताओं को नकद ईनाम देकर सम्मानित किया। यहां इंटरनैशनल ऑर्बिटर राजिंद्र शर्मा, चीफ ऑर्बिटर और चंडीगढ़ चैस एसो. के सैक्रेटरी विपनेश भारद्वाज, डिप्टी चीफ ऑर्बिटर अमित शर्मा, जैरथ पाथ लैब से डा. रीटा जैरथ, कैनविंग के मैनेजिंग डायरैक्टर डा. बलराज गुप्ता, यूनियन बैंक के ब्रांच मैनेजर प्रेम कुमार रंजन, एल.आई.सी. के मनीष एंग्रीश (मैनेजिंग सेल्स), विजया बैंक से असिस्टैंट ब्रांच मैनेजर गुरदीप सिंह, डैनेवो से अमित तलवाड़, कीर्ति शर्मा, कंवरजीत सिंह, संजीव शर्मा, अनुराग भारद्वाज, चंद्रेश, भरत भूषण, आर्गेनाइजर टीम से रुचिका शर्मा, आदित्य आनंद, साहिल चावला और ईशू भगत व कुंदन कुमार मौजूद थे। 

चैस में करियर बनाना चाहती है महक जैन
दिल्ली की रहने वाली महक जैन ने स्कूल में चैस खेलना शुरू किया था। पिछले 6 साल से चैस खेल रही महक ने भाई के साथ कम्पीटिशन में पार्टीसिपेट किया था। रोजाना एक घंटा प्रैक्टिस करने वाली महक चैस में अपना लंबा करियर बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस बार का कम्पीटिशन काफी टफ था। पंजाब के बच्चों ने भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। 

ग्रैंड मास्टर बनना चाहता है श्रेयस 
13 साल के श्रेयस राजन महाराष्ट्र से इस प्रतियोगिता में भाग लेने आए थे। 9 साल से श्रेयस ने अपने पिता से ही चैस खेलना सीखा है। रोजाना 2 घंटे प्रैक्टिस करने वाले श्रेयस बड़े होकर ग्रैंड मास्टर बनना चाहते हैं। कई सारी प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके श्रेयस ने इस कम्पीटिशन में कई सारी नई बारीकियां भी सीखी हैं जिन्हें वह आगे चलकर अपने गेम में इस्तेमाल करना चाहेंगे।

वूमैन ग्रैंड मास्टर बनना लक्ष्य है संध्याजी का
इस कम्पीटिशन के महिला वर्ग में दूसरा स्थान हासिल करने वाली संध्याजी आंध्र प्रदेश से इस प्रतियोगिता में भाग लेने आई थी। संध्याजी पिछले 14 सालों चैस खेल रही है। वह रोजना 6 से 8 घंटे चैस प्रैक्टिस करती है। उन्होंने बताया कि शुरूआत में इस टूर्नामैंट में उनका प्रदर्शन अ‘छा नहीं था, जिस वजह से वह काफी निराश हुई लेकिन फिर उनकी मां ने उन्हें मोटीवेट किया जिससे उन्हें काफी अ‘छा लगा और वह खेल में दोबारा वापसी कर पाईं। अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देने वाली संध्या जी का अगला लक्ष्य वूमैन ग्रैंड मास्टर बनना है। 


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