गंदा पानी गिराने से कार्पेट खराब, निगम ने भेजा पार्षद को शोकॉज नोटिस

punjabkesari.in Saturday, Nov 17, 2018 - 09:16 AM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र) : बीते महीने 30 अक्तूबर को हुई निगम सदन की बैठक में वार्ड नंबर 12 की पार्षद चंद्रावती शुक्ला द्वारा सदन में ही विरोध करते हुए निगम सदन में लगे हुए कार्पेट पर गंदा पानी गिराया गया था। जिस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए निगम सैके्रटरी द्वारा पार्षद चंद्रावती शुक्ला को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है।

नोटिस में कहा गया है कि गंदा पानी गिराने से निगम सदन में लगा महंगा कार्पेट खराब हो गया है। पार्षद से 7 दिनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया है। जवाब न देने की सूरत में पार्षद के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। वहीं कार्रवाई को पार्षद ने राजनीति से प्रेरित बताया है।

इतने दिनों बाद कैसे याद आ गया?
पार्षद पति एवं भाजपा नेता पप्पू शुक्ला ने कहा है कि इतने दिनों बाद निगम को शोकॉज नोटिस देना कैसे याद आ गया। उनके मुताबिक यह उन्हीं की पार्टी के पार्षदों की चाल है जो यह नोटिस भिजवा रहे हैं। पप्पू शुक्ला ने कहा कि निगम ने नोटिस में माना है कि जो पानी गिराया गया वह गंदा था। जिससे महंगा कारपेट खराब हो गया है। ऐसे में अगर इस पानी से गंदा कार्पेट खराब हो सकता है तो क्या यह पानी पीने से लोग बीमार नहीं होंगे। 

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वार्ड 12 में सीवरेज खराब हो चुका है, जिससे बदलना जरूरी है लेकिन अधिकारी इस संबंध में कुछ नहीं कर रहे हैं। वर्ष 2018 की शुरूआत में अधिकारियों द्वारा सीवरेज बदलने के संबंध में 85 लाख रुपए का एस्टीमेट भी बनवाया गया था और प्रस्ताव भी तैयार करवाया गया था, लेकिन सदन की बैठक में उन्हीं के पार्टी के पार्षदों ने प्रस्ताव आने नहीं दिया। 

उन्होंने कहा कि निगम हाऊस के इतने दिनों बाद इस नोटिस मिलना ये दर्शाता है कि ये राजनीति से प्रेरित है और इसे जानबूझकर उनकी ही पार्टी के नेताओं ने भिजवाया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्षद पत्नी से सदन की बैठक में पहले बोतल लेकर कांग्रेसी नेता और वार्ड नंबर 18 के पार्षद दविंद्र सिंह बबला ने पानी गिराने की शुरूआत की थी। ऐसे में बबला को भी निगम को नोटिस भेजना चाहिए।

यह था मामला :
वार्ड नंबर-12 की पार्षद चंद्रावती शुक्ला बीते कई महीनों से वार्ड में गंदा पानी आने की शिकायत निगम अधिकारियों से कर रही थी। वहीं समय-समय पर वह सदन की बैठक में भी आवाज उठाती रही हैं, लेकिन पार्षद के मुताबिक निगम अधिकारी उनकी बात को गंभीरता से नहीं लेते। वार्ड में पीने के पानी के साथ सीवरेज का पानी मिक्स हो रहा है, जिससे लोग बीमार हो रहे हैं, लेकिन निगम को इस संबंध में कोई लेना देना नहीं है। 

कई बार पार्षद सदन बैठक में गंदे पानी की बोतलें भर कर दिखाने के लिए साथ लेकर आई है। इस बार भी 30 अक्तूबर को हुई सदन की बैठक में सभी सदस्यों को दिखाने के लिए पार्षद अपने साथ गंदे पानी की बोतलें लाई थी, लेकिन सुनवाई न होने पर विरोध में पार्षद ने गंदा पानी निगम सदन में ही गिराना शुरू कर दिया था। जिससे निगम सदन में लगा महंगा कार्पेट खराब हो गया और पार्षद को निगम के आला अधिकारियों ने नोटिस जारी कर दिया।


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Priyanka rana

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