अप्रैल में J-K को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

punjabkesari.in Friday, Nov 16, 2018 - 10:52 PM (IST)

नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है। कोर्ट केंद्र और राज्य सरकार के अनुरोध पर इस याचिका की सुनवाई अप्रैल 2019 में करेगा।

क्या कहा अटॉर्नी जनरल ने
केंद्र सरकारी की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अनुरोध किया कि इस समय राज्य के हालात सही नहीं है, इसलिए इस मामले की सुनवाई कुछ समय के लिए टाल दी जाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात बहुत ही संवेदनशील है। इस पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एम आर शाह की बेंच ने कहा कि वह अप्रैल 2019 के पहले सप्ताह में इस मामले की सुनवाई करेगी। अटॉर्नी जनरल ने कहा, राज्य में राजनीतिक स्थिति ऐसी है कि जिसमें इस मामले की सुनवाई नहीं की जानी चाहिए। इस मामले की सुनवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी और अधिवक्ता शोएब आलम पेश हुए। उन्होंने अदालत में कहा कि राज्य में 9 चरणों में चल रहे पंचायत चुनावों की वजह से सुनवाई स्थगित करने के लिए पत्र दिया गया है।

राज्य सरकार के वकीलों का क्या कहना है
इस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अनुच्छेद 35ए की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ इस मामले को संलग्न किया जा सकता है। अनुच्छेद 35ए राज्य में स्थाई नागरिकों को विशेष अधिकार और सुविधाएं प्रदान करने से संबंधित है। राज्य सरकार के वकीलों ने इस सुझाव का विरोध करते हु कहा कि दोनों मुद्दे परस्पर भिन्न हैं और इस याचिका को पहले से लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न नहीं करना चाहिए। इसके बाद बेंच ने यह याचिका अप्रैल के पहले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध कर दी।

देश की सर्वोच्च अदालत ने विजयलक्ष्मी झा की अपील पर सुनवाई के दौरान तीन अप्रैल को कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 370 अस्थाई प्रावधान नहीं है। विजयलक्ष्मी झा ने दिल्ली हाईकोर्ट के 11 अप्रैल 2017 के फैसले के खिलाफ अपील दायर कर रखी है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में दावा किया था, कि अनुच्छेद 370 एक अस्थाई प्रावधान था, जो 1957 में संविधान सभा भंग होने के साथ ही खत्म हो गया।  


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Yaspal

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