दिल्ली से मुरादाबाद पहुंची Train 18, कल से शुरू होगा ट्रायल

punjabkesari.in Friday, Nov 16, 2018 - 06:51 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देश में पहली 'मेक इंन इंडिया' के तहत बनीं इंजन लैस Train 18 शुक्रवार को मुरादाबाद पहुंच गई है। इस ट्रेन का शनिवार को बरेली और मुरादाबाद के बीच पहला ट्रायल रन किया जाएगा। रिचर्स डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) की टीम ट्रायल रन के लिए मुराबाद पहुंच गई है। अगर Train 18 के सभी ट्रायल सफल रहते हैं, तो देश के विभिन्न हिस्सों में इसे शताब्दी एक्सप्रेस की जगह चलाया जाएगा।

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क्यों है खास Train 18:-

  • 29 अक्टूबर को Train 18 का पहला ट्रायल रन किया गया। ये ट्रायल तीन से चार दिन तक चला। सभी ट्रायल फैक्टरी के बाहर किए गए थे, जिसके बाद इसे रिचर्स डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन को आगे के ट्रायल के लिए सौंप दिया गया है।
  • Train 18 में सेल्फ प्रॉपल्शन मॉड्यूल है, जिसकी वजह से यह ट्रेन 160 किमी से 220 किमी. की रफ्तार से चल सकती है। ट्रेन में क्विक एक्सीलेशन को इन्हैंस किया गया है।
  • बिना इंजन की इस ट्रेन में 16 कोच हैं, सभी को 4-4 के सेट में लगाया गया है। Train 18 के ट्रैक पर आने से शताब्दी से लगने वाले वक्त की अपेक्षा 15 प्रतिशत कम समय लगेगा।
  • Train 18 को चेन्नई के इंट्रीगल कोच फैक्टरी में 18 महीनों में तैयार किया गया है। इस फुली एसी ट्रेन के डिब्बों को ऐसे डिजाइन किया गया है, जिससे कि यात्रियों को ड्राइवर की केबिन तक दिखाई दे।
  • Train 18 को बनाने में 100 करोड़ रुपये की लागत आई है, लेकिन भारतीय रेलवे के इंटीग्रेटेड कोच फैक्टरी के जनरल मैनेजर सुधांशु मणि ने बताया कि इस प्रोटोटाइप के आगामी उत्पादन में कम लागत लगेगी।
  • इस ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ट्रेन में दो एग्जीक्यूटिव कंपार्टमेंट होंगे। इनमें से हरेक में 52 सीटें होंगी, वहीं जनरल कोच में 78 सीटें होंगी।
  • इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रति घंटा से लेकर 220 किमी प्रति घंटा तक होगी। इसके लिए पहले ट्रैक को दुरुस्त किया जाएगा। उसके बाद ट्रेन अपनी वास्तविक स्पीड पर चलेगी। बता दें कि शताब्दी एक्सप्रेस की स्पीड 130 किमी प्रति घंटा है।
  • Train 18 में यात्रियों को सूचना देने के लिए स्पीकर और सामान रखने के लिए बड़े रैक बनाए गए हैं। इसमें बायो वैक्यूम सिस्टम के साथ मॉड्यूलर टॉयलेट होगा।
  • Train 18 में जीपीएस बेस्ड पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम के अलावा डिफ्यूज्ड लाइटिंग, ऑटोमेटिक दरवाजे, रिट्रैक्टेबल सीढ़ियां होगीं।
  • कोच के दरवाजों पर स्लाइड होने वाले दरवाजे लगे हैं। ट्रेन के रुकने पर ये बाहर की तरफ स्लाइड होते हैं और सीढ़ियां ट्रेन के फ्लोर और प्लेटफॉर्म के बीच की ऊंचाई के मुताबिक एडजस्ट हो जाएंगी।
  • Train 18 में घुमावदार सीटें हैं। यात्री अपनी सुविधानुसार इसे किसी भी दिशा में घुमा सकता है। सीटें को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यात्री को बैठने में कोई असुविधा न हो।
  • इस ट्रेन को Train 18 इसलिए नाम दिया गया है, क्योंकि इसको 18 महीनों में तैयार किया गया है और 2018 में ही इसे लॉन्च किया जा रहा है। 

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Yaspal

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