Kundli Tv- देवी के 51 शक्तिपीठों में शामिल है मां काली का ये अद्भुत मंदिर

punjabkesari.in Friday, Nov 16, 2018 - 04:33 PM (IST)

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हिंदू धर्म में मां काली का अलग ही महत्व है। इनकी आराधना करने से शुभ लाभ की प्राप्ति होती है। इनकी पूजा खासतौर पर बंगाल और असम में होती है। आज हम आपको मां काली के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका सीधा संबंध मां सती से है। आईए जानते हैं इस प्रसिद्ध शक्तिपीठ के बारे में कुछ रोचक बातें-
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पौराणिक कथा के अनुसार जब राजा दक्ष विशाल यज्ञ का आयोजन किया जिसमें सभी देवी-देवताओं, ऋषियों और संतों को आमंत्रित किया लेकिन शिव और माता सती को यज्ञ में आने का बुलावा नहीं भेजा। इसके बाद भी माता सती वहां पहुंच गई। यज्ञ में राजा दक्ष ने शिव का अपमान किया जिसे वो सह न पाई और यज्ञ की अग्नि में कूद कर जान दे दी। ये बात जब भगवान शिव को पता चली तो वो माता सती के मृत शरीर को उठाकर तांडव करने लगे। तब  भगवान विष्णु ने ब्रह्माण्ड को प्रलय से बचाने के लिए ने अपने सुदर्शन चक्र से माता के मृत शरीर को 51 भागों में काट दिया। 
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51 शक्तिपीठों में से एक है पावागढ़ काली मंदिर-
मान्यता के अनुसार यहां माता सती के वक्षस्थल गिरे थे। ये प्रसिद्ध शक्तिपीठ में महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में से एक है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां दक्षिणमुखी काली मां की प्रतिमा है, जिसका तांत्रिक पूजा में बहुत ज्यादा महत्व माना जाता है। देशभर से तांत्रिक यहां अपनी तंत्र विद्या का प्रयोग करते हैं।  
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यहां लोग दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं। नवरात्र के समय इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ और भी ज्यादा होती है। लोगों की यहां गहरी आस्था है। उनका मानना है कि यहां दर्शन करने के बाद मां उनकी हर मुराद पूरी कर देती है। कहा जाता है कि गुरु  विश्वामित्र ने भी इस मंदिर में तपस्या की थी। इस कारण माता कालिका के मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है।
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Jyoti

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