ऊना में रेहड़ी-फड़ियों का जाल, ट्रैफिक व राहगीरों की समस्या बढ़ी

punjabkesari.in Friday, Nov 16, 2018 - 04:22 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): जिला मुख्यालय रेहड़ी-फड़ियों के जाल में बुरी तरह से उलझ चुका है। इस जाल को और अधिक बढ़ाने में उन लोगों का भी हाथ है जो सरकारी अधिगृहीत जमीन पर रेहड़ियों को स्थापित कर उसका किराया वसूल रहे हैं। यह रेहड़ी-फड़ियां जिला मुख्यालय पर ट्रैफिक समस्या को बढ़ा रही हैं। यहां तक कि राहगीरों को भी इनसे बड़ी मुसीबत पैदा हुई है। अधिगृहीत भूमि पर दर्जनों की तादाद में जगह-जगह स्थापित की गईं रेहड़ियों की वजह से न केवल यातायात अवरुद्ध हो रहा है बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी जगह नहीं बची है। इसके खिलाफ कोई पुख्ता कार्रवाई भी नहीं हो रही है। अतिक्रमण से शहर की समस्या कई गुना बढ़ गई है।

दुकानों के आगे लगाईं रेहड़ियां
कुछ दुकानों के आगे नियमित अस्थायी रेहड़ी-फड़ियां काम कर रही हैं। इसकी एवज में लोग इन रेहड़ियों से किराया वसूल रहे हैं। हालांकि नियमों के मुताबिक इस अधिगृहीत भूमि पर कोई भी व्यावसायिक गतिविधि नहीं की जा सकती है। कुछ लोग तो अच्छा खासा मुनाफा इन रेहड़ियों व फड़ियों से हासिल कर रहे हैं। खुद तो लाभ में हैं लेकिन अन्य लोगों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं। इस वजह से शहर में न तो राहगीरों के लिए कोई जगह बच पाई है और न ही कोई व्यक्ति अस्थायी तौर पर गाड़ी पार्क कर सकता है।

वैंडिंग जोन बनाने की कवायद पड़ी धीमी
शहर में रेहड़ियों व फड़ियों के लिए वैंडिंग जोन बनाए जाने की कवायद भी धीमी गति से चल रही है। हालांकि नगर परिषद में करीब 180 ऐसे ही स्ट्रीट वैंडिंग की पहचान कर उन्हें अलग से स्थल मुहैया करवाने की कार्रवाई शुरू की है। इसके तहत जिला परिषद और ट्रक यूनियन के निकट एक जगह का चयन किया गया है। इस जगह को नगर परिषद के नाम पर तबदील किया गया है। डी.पी.आर. बनाई जा रही है ताकि सभी अस्थायी रेहडिय़ों को उस स्थल पर तबदील कर शहर को रेहड़ियों के जाल से मुक्ति दिलवाई जा सके।

सड़कों पर पार्क किए जा रहे वाहन
जिला मुख्यालय भयंकर ट्रैफिक समस्या से जूझ रहा है। कई बार यहां जाम की वजह से वाहनों की आवाजाही तो दूर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। शहर में पार्किंग की समस्या भी विकराल हो चुकी है। पार्किंग स्थल न होने की वजह से लोग सड़कों पर ही वाहनों को खड़ा करने पर मजबूर होते हैं। इसके साथ रेहड़ियों-फड़ियों ने भी मुसीबत पैदा की है। पुराना बस अड्डा चौक, मिनी सचिवालय तथा बस अड्डा चौक की स्थिति तो विस्फोटक हो चुकी है।

अतिक्रमण से दिलाई जाए मुक्ति
बढ़ता अतिक्रमण समस्या में इजाफा कर रहा है। इसे हटाने के विभागीय प्रयास विफल हो चुके हैं। अतिक्रमण से शहर को मुक्ति दिलवाने के लिए कोई मुहिम नहीं चलाई जा रही है। मुख्य सड़कों से लेकर इसके आसपास के संपर्क मार्ग भी अतिक्रमण से अछूते नहीं हैं।

अतिक्रमण के कारण पैदल चलना हुआ मुश्किल
सीनियर सिटीजन एसोसिएशन के अध्यक्ष जी.आर. वर्मा ने कहा कि अतिक्रमण की वजह से पैदल चलना मुश्किल हो गया है। सीनियर सिटीजन के लिए दिक्कतें अधिक हैं क्योंकि शहर में जगह-जगह गाडिय़ों की बेतरतीब पार्किंग और रेहड़ियों-फड़ियों की वजह से पैदल चलने के लिए भी कोई स्थल उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि सड़क के किनारे बनाई गईं नालियों पर भी अतिक्रमण किया गया है।

प्रशासन के साथ बनाई रणनीति
रोड सेफ्टी के अध्यक्ष डा. सुभाष शर्मा ने बताया कि शहर में रेहड़ियों-फड़ियों के जाल व अतिक्रमण से समस्या बढ़ी है। इसको लेकर प्रशासन के साथ रणनीति बनाई गई है। आने वाले दिनों में मुहिम चलाई जाएगी। पहले आग्रह किया जाएगा और उसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।

वैंडिंग जोन के लिए तैयार की जा रही डी.पी.आर.     
नगर परिषद  के जे.ई. राजेंद्र सैनी ने बताया कि शीघ्र ही रेहड़ियों-फड़ियों के लिए जिला परिषद कार्यालय के निकट स्ट्रीट वैंडिंग जोन स्थापित किया जाएगा। इसके लिए डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। अतिक्रमण हटाने के लिए समय-समय पर मुहिम चलाई जाती है। जो नियमित वैंडर हैं उनकी पहचान की गई है। ऐसे 180 लोगों को नई जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।


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Vijay

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