जी.आर.पी. के लिए अबूझ पहेली बना सुरेंद्र हत्याकांड

punjabkesari.in Friday, Nov 16, 2018 - 12:05 PM (IST)

कालांवाली(संजीव): कालांवाली रेलवे स्टेशन परिसर में हुए कंडा व्यापारी सुरेंद्र गर्ग के हत्यारों को पकडऩे में पुलिस एक साल बाद भी नाकाम साबित हुई है। ऐसा नहीं है कि पुलिस ने प्रयास नहीं किए, पहले रेलवे पुलिस ने जांच की, फिर रेलवे की सी.आई.ए. को जांच का जिम्मा सौंपा गया और मौजूदा समय भी एस.आई.टी. मामले की जांच कर रही है।

 दूसरी तरफ, परिजनों को पुलिस की जांच पर कोई भरोसा नहीं है। उन्हें लगता है कि पुलिस उनके केस की फाइल बंद कर सो गई है। स्व.सुरेंद्र कुमार के भाई सुभाष बांसल ने बताया कि वह उनके भाई की हत्या के मामले की जांच सी.बी.आई. से चाहते हैं। सुरेंद्र ही हत्या के बाद रेलवे पुलिस ने सुरेंद्र के हत्यारों का सुराग देने वाले को 50,000 रुपए का ईनाम देने की घोषणा की थी लेकिन उससे भी जांच में कोई प्रगति नहीं हुई। सुरेंद्र के परिवार वाले आज भी इंसाफ की बाट जोह रहे हैं कि कब हत्यारे पकड़ में आएंगे, कब उन्हें सजा मिलेगी और कब सुरेंद्र की आत्मा को शांति मिलेगी।
 

अपने भाई के हत्यारों का सुराग लगाने के लिए सुरेंद्र के परिजन कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। अपनी नाकामी को छिपाने के लिए पुलिस के अधिकारी बेशक बहाने बनाते नजर आए कि हमें परिवार से जांच में सहयोग नहीं मिल रहा लेकिन मंडी में सुरेंद्र के परिजनों के रसूख को देखते हुए यह बात किसी के भी गले नहीं उतरती। 

लुटेरों ने बेधड़क हो वारदात को दिया अंजाम
गौरतलब है कि पुरानी मंडी निवासी सुरेंद्र कुमार पर जब रेलवे स्टेशन परिसर में हमला हुआ तब रात के साढ़े 9 ही बजे थे। मंडी के लोगों का कहना था कि अगर आर.पी.एफ. कर्मी अपनी ड्यूटी के प्रति सजग होते तो गर्ग पर जानलेवा हमला नहीं होता। हमलावरों को अच्छी तरह पता था कि स्टेशन पर स्थापित आर.पी.एफ. चौकी और इसके मुलाजिम दिखावा मात्र ही हैं, तभी तो 2 अज्ञात लोगों ने बेखौफ होकर न केवल सुरेंद्र गर्ग की पत्नी सुनीता के गले से चेन झपटने की कोशिश की और इसका विरोध करने पर गर्ग पर छुरे से वार कर दिया। 

दोनों हमलावर बड़े आराम से वहां से निकल भागे और आर.पी.एफ. कर्मी कानों में तेल डाले सोए रहे। भले ही कार्रवाई के नाम पर आर.पी.एफ. ने अपने एक कर्मचारी सुरेंद्र को सस्पैंड कर दिया था। वारदात के बाद जी.आर.पी. ने कालांवाली रेलवे स्टेशन पर अपनी अस्थायी चौकी स्थापित कर वहां 4 मुलाजिम तैनात कर दिए थे। 

यह था घटनाक्रम 
सुरेंद्र अपने परिवार का मुखिया था। 28 नवम्बर को अपनी पत्नी सुनीता के साथ रोजाना की तरह रात्रि को सैर को निकले थे। जैसे ही वह रेलवे स्टेशन के निकट पहुंचे तो बाइक पर सवार 2 नकाबपोश लुटेरों ने उनकी पत्नी के गले से सोने की चेन छीनने का प्रयास किया था। सुरेंद्र कुमार ने जब उनका विरोध किया तो लुटेरों ने सुरेंद्र पर चाकू से हमला कर दिया था। जिसके चलते सुरेंद्र कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिनको करीब 2 दिन तक सिरसा के निजी अस्पताल में भर्ती रखा गया। 

लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में रैफर किया गया। जहां कई दिन जिंदगी और मौत से जंग जारी रही लेकिन अंत में सुरेंद्र जिंदगी की जंग हार गए। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी लेकिन इतना समय गुजर जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। 

सी.बी.आई. जांच की करेंगे मांग
स्व. सुरेंद्र के छोटे भाई सुभाष कुमार जो सी.एम.विंडो के ऐमिनंट सदस्य भी हैं, ने बताया कि उन्हें हर हाल में अपने भाई के हत्यारोपियों को सजा दिलवानी है। उनका परिवार जांच में पूर्ण सहयोग कर रहा है, आगे भी हर प्रकार के सहयोग को तैयार है। हमें अब पुलिस जांच पर कोई भरोसा नहीं रहा है। हम सरकार को पत्र लिखकर सी.बी.आई. जांच की मांग करने वाले हैं। 

ए.एम. सेतिया, एस.पी., जी.आर.पी.
अभी जांच चल रही है, शीघ्र ही कुछ अच्छा नतीजा आने की उम्मीद है, रेलवे की तरफ से एस.आई.टी. इस मामले की जांच कर रही है, जिसमें हमारे एक इंस्पैक्टर, डी.एस.पी, साइबर सैल व सी.आई.ए. की टीम शामिल है।


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Deepak Paul

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