बैंक ने स्कूल पर लगाया ताला, सैंकड़ों बच्चें का भविष्य दांव पर

punjabkesari.in Friday, Nov 16, 2018 - 11:56 AM (IST)

करनाल(नरवाल): आमदनी अठनी और खर्चा रुपया वाली कहावत शहर के कुछ लोगों पर स्टीक बैठती है जिनकी वजह से संैकड़ों बच्चों का भविष्य अंधकार में है। हम बात कर रहे हैं बैंक द्वारा एक स्कूल में लगाए जाने वाले ताले पर। कर्ज न चुकता करने पर बैंक ने उस परिवार की प्रापर्टी को सील कर दिया। इस प्रापर्टी में एक स्कूल भी था, उस पर भी ताला लगा दिया गया जिससे यहां पढऩे वाली करीब 500 बच्चों का भविष्य अंधेरे में डूब गया है। 

हैरानी की बात यह है कि बैंक द्वारा की गई इस कार्रवाई को 4 दिन से ज्यादा समय गुजर चुका है लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है। इन छात्रों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट करने की जगह अधिकारी पूरे मामले पर अनभिज्ञता जाहिर कर रहे, वहीं इस कार्रवाई के बाद परिवार समेत पूर स्कूल स्टाफ गायब हो गया है। अभिभावक स्कूल के नंबरों पर फोन कर रहे लेकिन कोई फोन नंबर रिसीव नहीं हो रहा। 

बैंक द्वारा स्कूल को जब सीज किया गया, उस समय स्कूल की छुट्टियां चल रही थी, जिसके कारण यह मामला ज्यादा उजागर नहीं हो पाया लेकिन अब जब अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की ङ्क्षचता हुई तो मामला सामने आने लगा। स्कूल के 5वीं कक्षा के छात्र आदि ने पंजाब केसरी टीम को बताया कि स्कूल पर करीब एक सप्ताह से ताला लगा हुआ लेकिन उस समय स्कूल की छुट्टियां चल रही थी। जब उनके अभिभावक स्कूल के स्टाफ व प्राचार्या को फोन करते हैं तो कोई भी फोन नहीं उठता। ऐसे वह अब कहां जाएंगे, वहीं करीब एक सप्ताह बित जाने के बाद शिक्षा विभाग को इस बात की कोई जानकारी नहीं है। पंजाब केसरी की टीम द्वारा जब छोटे से लेकर बड़े अधिकारी से इस मामले को बात की गई तो सभी अधिकारियों का एक ही जवाब था कि ऐसा कोई मामला अब तक उनके संज्ञान में नहीं आया है। 

स्कूल में हैं 500 के करीब बच्चे
जानकारी के अनुसार स्कूल में करीब 500 से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ते हंै लेकिन पिछले कई दिनों से बैंक द्वारा स्कूल पर ताला लगाए जाने के बाद न तो स्कूल के मालिकों को पता है और न ही स्कूल के स्टाफ का कोई अता-पता है। पंजाब केसरी की टीम द्वारा भी स्कूल के प्राचार्या द्वारा फोन पर कई बार ट्राई किया लेकिन सामने से कोई जवाब नहीं मिला। किसी ने भी फोन को नहीं उठाया।  

क्या कहते हैं बैंक के अधिकारी
बैंक द्वारा स्कूल को सीज करने के मामले को लेकर जब बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर अनिल दुर्गा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल के मालिक ने कुछ साल पहले बैंक से अपनी 3 प्रापर्टी दिखाकर डेढ़ करोड़ रुपए ज्यादा का लोन लिया था। लोन न चुका पाने के कारण प्रापर्टी के मालिक करीब 2 साल से नोटिस भेजा जा रहा था लेकिन प्रापर्टी के मालिक ने करीब 2 साल बीत जाने के बाद भी बैंक का लोन नहीं भरा और बैंक ने पुलिस प्रशासन की व तहसीलदार की मौजूदगी में स्कूल की प्रापर्टी को सीज कर दिया।
 


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Deepak Paul

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