सरकार की पॉलिसी सिविल अस्पताल ने की फेल

punjabkesari.in Friday, Nov 16, 2018 - 11:35 AM (IST)

जालंधर (शौरी): सिविल अस्पताल में मरीजों को तो परेशानियां हो ही रही हैं लेकिन डाक्टर भी कम परेशान नहीं हैं। आए दिन डाक्टरों को पार्किंग की समस्या से जूझना पड़ रहा है। सिविल अस्पताल में कई मैडीकल सुपरिंटैंडैंट आए और कई आकर चले गए लेकिन सिविल अस्पताल में हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।

अब अस्पताल में स्थापित जन औषधि सैंटर के हाल बेहाल हैं। गौर हो कि सरकार ने जन औषधि सैंटर सरकारी अस्पताल में स्थापित किए थे ताकि मरीजों को दवाइयां बाहर से न खरीदनी पड़े। इसके साथ ही सिविल अस्पताल में भी उक्त सैंटर से दवाइयों की सप्लाई होनी शुरू हो चुकी थी। कुछ समय तक तो इस पॉलिसी का पूरा लाभ लोगों को मिलता रहा लेकिन अब हालात यह हो चुके हंै कि लोगों को दवाइयां खत्म होने की बात कहकर वापस भेज दिया जाता है। लोग बाहर से दवाइयां खरीदने को मजबूर हो चुके हैं। इसका लाभ बाहरी कैमिस्टों को हो रहा है। हालांकि सैंटर से ग्लूकोज आदि मिल रहा है और रोग-प्रतिरोधक दवाइयां आदि खत्म हो चुकी हैं।

बिल न मिलने के कारण पैसे नहीं जारी हो सके : एम.एस.
सिविल अस्पताल की मैडीकल सुपरिंटैंडैंट (एम.एस.) डा. जसमीत बावा का कहना है कि उन्होंने हाल में ही अस्पताल का चार्ज संभाला है और उन्हें जानकारी मिली है कि जन औषधि सैंटर वालों ने दवाइयों का बिल उन्हें नहीं भेजा है जिस कारण उनके पैसे जारी नहीं हो सके हैं। 

करीब 20 लाख का देनदार है सिविल अस्पताल 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जन औषधि सैंटर द्वारा सिविल अस्पताल को सप्लाई की गई 20 लाख की दवाइयों का भुगतान अस्पताल में फंड न होने के कारण सैंटर को जारी नहीं हो रहा। सैंटर में तैनात एक स्टाफ मैंबर ने बताया कि मैडीकल सुपरिंटैंडैंट ऑफिस में बार-बार कहकर थक चुके हैं। लंबे समय से उनके बिल पास नहीं किए जा रहे।


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