अमरीकी कम्पनियों ने भारतीय लघु उद्योगों की क्षमता को खंगालना किया शुरू

punjabkesari.in Friday, Nov 16, 2018 - 11:10 AM (IST)

जालंधर (धवन): अमरीका में सरकार द्वारा चीन से आयात होने वाले औद्योगिक उत्पादों पर ड्यूटी लगा देने के बाद अब अमरीकी कम्पनियों ने भारतीय लघु उद्योगों की क्षमता को खंगालना शुरू कर दिया है। लघु उद्योगों से संबंध रखते प्रमुख उद्यमी व एच.आर. इंटरनैशनल के डायरैक्टर सुरेश शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अमरीकी कम्पनियों के वरिष्ठ अधिकारी भारत का दौरा करके भारतीय कम्पनियों की उत्पादन क्षमता का आंकलन करने में लगे हुए हैं। 

सुरेश शर्मा ने कहा कि चीन में उत्पादित माल पर ड्यूटी लगने से यह औद्योगिक उत्पाद अमरीका में महंगे हो गए हैं, इसलिए अमरीकी कम्पनियां अपने मुनाफे को ध्यान में रखते हुए सस्ते दामों पर भारतीय कम्पनियों से माल खरीदने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय उत्पाद अब चीन की तुलना में अपेक्षाकृत सस्ते हैं परन्तु उत्पादन क्षमता पर्याप्त न होने के कारण अमरीका की मांग को पूरा करने में समर्थ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाना चाहिए तथा सबसे पहले भारतीय लघु उद्योगों को सस्ती ब्याज दरों पर फंड उपलब्ध करवाने चाहिएं ताकि भारतीय उद्योग अपनी इकाइयों का तुरन्त विस्तार कर सकें। दूसरी तरफ केन्द्र सरकार को उद्योगों के अनुकूल नीतियां लागू करनी चाहिएं। रा’य सरकार को क्षेत्र के उद्योगों को सस्ते दामों पर जमीन उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि उद्योगों का विस्तार कार्य प्रभावित न हो। 

सुरेश शर्मा ने कहा कि अगर भारत ने यह अवसर गंवा दिया तो अमरीकी कम्पनियां पुन: चीन की ओर रुख कर लेंगी। उन्होंने बताया कि उद्योगों के सामने एक बड़ी समस्या महंगी जमीन भी है। सरकार रिजर्व दामों पर जमीन उपलब्ध करवा सकती है। उन्होंने कहा कि अमरीकी अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है तथा मंदी पर पूरी तरह से अमरीका ने लगाम लगा दी है। अब अमरीकी कम्पनियों के पास भारत से माल खरीदने का एक सुनहरा विकल्प है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में पैट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ौतरी हुई है तथा इससे भारतीय लघु उद्योगों के सामने एक नया संकट उत्पन्न हुआ है क्योंकि उत्पादन लागत में बढ़ौतरी हो गई है। अन्य क"ो माल की कीमतों में भी बढ़ौतरी देखी गई है। 


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