सबरीमाला पर घमासान जारी, कांग्रेस-भाजपा ने सर्वदलीय बैठक का किया बहिष्कार

punjabkesari.in Thursday, Nov 15, 2018 - 06:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर देश भर में संग्राम मचा हुआ है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा वीरवार को इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक की जो असफल रही। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया । 
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भाजपा ने केरल सरकार पर लगाए आरोप 
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भगवान अयप्पा के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दिये गए उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के एजेंडे के साथ बैठक बुलाई थी। सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इस विवादित मुद्दे को लेकर कानूनी विकल्प तलाशने के लिए तैयार नहीं है। वहीं केरल भाजपा अध्यक्ष श्रीधरन पिल्लई ने आरोप लगाया कि विजनय ने लोकंतांत्रिक ढांचे में जानबूझकर अपना एजेंडा लागू करने के लिए बैठक बुलाई थी।  

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महिलाओं की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी: पिल्लई
पिल्लई ने बताया कि भगवान अय्यप्पा मंदिर के दस्तूर तथा परंपराओं को खत्म करने के सरकार के फैसले के खिलाफ भाजपा ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) इस मुद्दे पर शुक्रवार को होने वाली बैठक का भी बहिष्कार करेगा।  मुख्यमंत्री विजयन ने बैठक के दौरान कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने विपक्षी पार्टियों से इस मुद्दे पर सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि महिलाओं तथा श्रद्धालुओं के अधिकारों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। इसी तरह से समस्या उत्पन्न करने की कोशिश करने वाले लोगों को पवित्र जगह से दूर रहना चाहिए।  

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केरल सरकार ने विपक्षी पार्टियों से मांगा सहयोग 
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार उच्चतम न्यायालय के मंगलवार के फैसले पर कानूनी विशेषज्ञों की राय लेने के बाद सरकार इस मुद्दे पर उचित निर्णय लेगी। उल्लेखनीय है कि विजयन ने सबरीमाला मंदिर में हर वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई 22 जनवरी तक टालने के मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक का मकसद मंगलवार को सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक नहीं लगाने के बाद उच्चतम न्यायालय के पूर्ववर्ती फैसले को लागू करने को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच सहमति बनाना था। 


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vasudha

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