ये हैं सबसे पहले फ्लाइंग सिख, राइफल से मार गिराए थे 6 फाइटर प्लेन

punjabkesari.in Thursday, Nov 15, 2018 - 05:38 PM (IST)

चंडीगढ़। पंजाब में इस वक्त 11वीं और 12वीं कक्षा की किताबों में इतिहास से छेड़-छाड़ करने का मामला गरमाया हुआ है। इसी गर्म चर्चा के बीच punjab.punjabkesari.in आपको बताने जा रहा है कि पंजाब के इतिहास में सबसे पहले फ्लाइंग सिख सरदार हरदित मलिक को कहा गया था। जबकि आजादी के बाद इस खिताब से भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह को नवाजा गया। हमारा प्रयास रहेगा कि इतिहास के सही तथ्य ही आप तक पहुंचाएं। PunjabKesari

कौन थे हरदित सिंह मलिक...
सरदार हरदित मलिक एक फाइटर पायलट थे और मिल्खा सिंह एक एथलीट हैं। दोनों में इतना ही फर्क है कि एक हवा से बातें किया करते थे, तो दूसरे जमीन पर रहते हुए हवा के माफिक दिखते थे। सरदार हरदित सिंह मलिक का जन्म 23 नवंबर 1894 में पंजाब प्रांत के रावलपिंडी में हुआ था। यूके पंजाब हैरिटेज एसोसिएशन के सदस्य हरबख्श ग्रेवाल की माने तो उन्हें पायलट बनने के दौरान नस्ली भेदभाव का शिकार होना पड़ा था। निराश होकर मलिक तब फ्रांस जाना पड़ा था जहां उन्होंने अपनी गुजर बसर के लिए कुछ समय तक एक एम्बुलेंस ड्राइवर की नौकरी की। इस दौरान फ्रांस उन्हें एयरफोर्स में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हो गया था।PunjabKesari

  
ऐसे बने थे पहले भारतीय पायलट...
मलिक ने 1980 के दशक में एक टीवी साक्षात्कार के दौरान कहा था, यही समय था जब मुझे आरएफसी के प्रमुख जनरल हैंडरसन ने मिलने के लिए बुलाया था। उस मीटिंग के बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजा गया और (आरसीएफ) रॉयल फ्लाइंग क्रॉप्स उन्हें फाइटर पायलट की नौकरी मिल गई। उन्होंने 22 जून 1917 को फ्रांस में आरसीएफ को ज्वाइन किया था।PunjabKesari
  
राइफल से गोलियां चलाकर मार गिराए थे 6 फाइटर प्लेन...

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मलिक ने 6 फाइटर प्लेन मार गिराए थे। उस वक्त जब फाइटर पायलट एक-दूसरे के अधिक नजदीक आते थे तो एक-दूसरे पर पिस्तौल तथा राइफलों से सीधा हमला करते थे। उस समय फाइटर पायलट की जीवन दर युद्ध क्षेत्र में मात्र 10 दिन की होती थी, फिर भी मलिक युद्ध में से जीवित बच गए थे। यही वजह थी कि उन्हें भी अपने दौर में फ्लाइंग सिख कहा जाता था।


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Suraj Thakur

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