अमृतसरःनगर निगम में 1.20 करोड़ का  पी.एफ. घोटाला

punjabkesari.in Thursday, Nov 15, 2018 - 08:44 AM (IST)

अमृतसर (वड़ैच): नगर निगम में पी.एफ.घोटाले दौरान एक अधिकारी पर गाज गिरने के बाद चर्चा में आ रहे 2 अधिकारियों के खिलाफ कब और क्या कार्रवाई की जाएगी, नगर निगम में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रेट थार्टन कंपनी द्वारा प्राइवेट तौर पर करवाई गई जांच दौरान 1 करोड़ 20 लाख 25 हजार का पी.एफ. घोटाला सामने आया है जबकि निगम के कर्मचारियों के मुताबिक घोटाले की रकम 4 से 5 करोड़ भी हो सकती है क्योंकि साल 2009 से अब तक पी.एफ. घोटाले का लेखा-जोखा समझ नहीं आ रहा है। अब तक सामने आई जांच दौरान निगम के खातों में 26 एंट्रियों के साथ जब घोटाला किया गया, उस समय अधिकारी कहां सोए हुए थे। 

इन खातों में गए 1 करोड़ 20 लाख

पी.एफ. घोटाले के 1 करोड़ 20 लाख 5 लोगों के खातों में गए थे, जिसके अंतर्गत जसप्रीत कौर के खाते में 48 लाख 65 हजार 768 रुपए, रूप लाल से 17 लाख 47 हजार 981 रुपए, आशा रानी के 20 लाख 64 हजार 955 रुपए, सेवक मीना के 6 लाख, 72 हजार, रविन्द्र कौर के खाते में 26 लाख 75 हजार 534 रुपए डाले गए। घोटाले संबंधी यूनियन नेता हरजिन्द्र सिंह वालिया ने 16 जुलाई 2015 को लीगल नोटिस जारी करने से पहले ही निगम कमिश्नर को जागरूक कर दिया था कि कर्मचारियों के खातों में पी.एफ. जमा नहीं हो रहा है। इस संबंधी विभाग के सैक्रेटरी डायरैक्टर लोकल विभाग, निगम कमिश्नर, अकाऊंट अधिकारियों को भी नोटिस भेजे गए थे जबकि कानूनी नोटिस भेजने से पहले ही 6 जून 2015 को 1लाख 2 हजार 336 रुपए की पहली एंट्री आशा रानी और रूप लाल के खातों में नजर आई है। 

अक्तूबर में दी थी संघर्ष की चेतावनी

संघर्ष कमेटी नगर निगम के हरजिन्द्र सिंह वालिया, विनोद बिट्टा, मेजर सिंह, कर्मजीत सिंह के.पी. ने साथियों सहित 10 सितम्बर को कमिश्नर के साथ बैठक की थी। उस दौरान पी.एफ. घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई न करने के विरोध में कामकाज ठप्प करने की चेतावनी दी गई थी, जिसे बाद में मुलतवी कर दिया गया था। उसके डेढ़ माह बीतने के बाद भी सांझी संघर्ष कमेटी शांत नजर आ रही है क्योंकि कमेटी ने अक्तूबर 2018 को संघर्ष शुरू करने की चेतावनी दी थी।

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स्थिति स्पष्ट न हुई तो संघर्ष होगा शुरू : वालिया

सांझी संघर्ष कमेटी के प्रधान हरजिन्द्र सिंह वालिया ने कहा कि पी.एफ. के मामले में कर्मचारियों के साथ धक्का हुआ है। घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ बिना देरी किए कार्रवाई होनी चाहिए। सितम्बर 2018 में संघर्ष का ऐलान किया गया था परन्तु कमिश्नर द्वारा बातचीत किए जाने के बाद सितम्बर माह  का संघर्ष मुलतवी कर दिया गया। वालिया ने कहा कि कर्मचायिरों के हकों पर डाका मारने वाले घोटालेबाज सजा के हकदार हैं। अधिकारियों के खिलाफ आने वाले दिनों में कार्रवाई न की गई तो मुलाजिम यूनियन संघर्ष शुरू कर देगी। 

2009 से नहीं मिला पी.एफ.
खातों में आने वाले पी.एफ. के पैसों का हक निगम कर्मचारियों का था। जबकि उन पैसों की मौजें कोई और करते रहे। साल 2009 से कर्मचारियों को बनता पी.एफ. नहीं मिला। यदि पी.एफ. की करोड़ों की रकम कर्मचारियों के खातों में समय-समय पर जारी की जाती तो उन जमा पैसों का ब्याज भी कर्मचारियों के खातों में ही जमा होना था, जिसे लेकर भी कर्मचारियों का नुक्सान हुआ है। 

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