‘पंजाब केसरी’ सैंटर  ऑफ चैस एक्सीलैंस की चैम्पियनशिप में पंजाब के खिलाडियों की पकड़ कायम

punjabkesari.in Thursday, Nov 15, 2018 - 08:35 AM (IST)

जालंधर (भारती) :‘पंजाब केसरी’ सैंटर ऑफ  चैस एक्सीलैंस की तरफ  से द डी.एल.एफ . मॉल में करवाई जा रही 7वीं नैशनल एमैच्योर चैस चैम्पियनशिप के 5वें दिन भी पंजाब के खिलाडिय़ों ने लीड बनाई हुई है।लुधियाना के शुभम शुक्ला ने महाराष्ट्र के मङ्क्षहद्रक को हराकर अपनी बढ़त बरकरार रखी है।  आइए जानते हैं इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे अलग-अलग राज्यों के खिलाडियों के बारे में -

अब कम उम्र में खेलना शुरू कर देते हैं बच्चे :  हिमांशु मौदगिल
35 साल के हिमांशु मौदगिल को चैस खेलते 17 साल हो गए हैं। दिल्ली के रहने वाले हिमांशु प्रोफैशनल चैस प्लेयर हैं। उन्होंने कॉलेज में जाकर चैस खेलना शुरू किया था। वह कई नैशनल और इंटरनैशनल टूर्नामैंट में हिस्सा ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में कम्पीटिशन पहले से ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि पहले इतने लोग अवेयर नहीं थे लेकिन आज के टाइम में बच्चे कम उम्र में ही चैस खेलना शुरू कर देते हैं जिससे बड़े होने तक वे काफी अच्छे चैस प्लेयर बन चुके होते हैं। 

एडिक्शन की तरह है चैस :शुभम शुक्ला
22 साल के शुभम शुक्ला को चैस खेलते 10 साल हो गए हैं। लुधियाना के रहने वाले शुभम ने स्कूल में एक्स्ट्रा एक्टीविटी में भाग लेने के लिए चैस खेलना शुरू किया था। उन्होंने बताया कि जब वह स्कूल में बाकी बच्चों को मैडल लाते हुए देखता तो उसके मन में भी स्कूल के लिए मैडल लाने का मन करता था। इसलिए उसने चैस खेलना शुरू किया। शुरू में उसके पेरैंट्स उसे सपोर्ट नहीं करते थे लेकिन बाद में उसका पैशन देखते हुए उन्होंने भी उसे सपोर्ट करना शुरू कर दिया। उसे लगता है कि चैस एक एडिक्शन की तरह  है जिसे खेले बिना आप नहीं रह सकते। पहले खिलाड़ी जो चीजें 5 साल में सीखते थे, वे अब एक साल में ही सीख लेते हैं।  

राज्य सरकार भी करे  सपोर्ट :पंकज शर्मा
बठिंडा के रहने वाले पंकज शर्मा कैडीडैंट मास्टर भी हैं। 28 साल के पंकज ने 10 साल पहले कॉलेज में ही चैस खेलना शुरू किया था। आज वह प्रोफैशनल चैस प्लेयर के तौर पर चैस खेलते हैं। पंकज नैशनल एमैच्योर चैस चैम्पियन में सिल्वर और 2017 में इटली में हुई वल्र्ड एमैच्योर चैस प्रतियोगिता में भी सिल्वर मैडल हासिल कर चुके हैं। वह कहते हैं कि पंजाब में पहले से ज्यादा अब चैस प्रतियोगिताएं होने लगी हैं, लेकिन अभी भी हमारी राज्य सरकार चैस को इतना सपोर्ट नहीं करती। मैं चाहता हूं कि राज्य सरकार चैस को भी उतना ही सपोर्ट करे जितना की बाकी खेलों को किया जाता है।  


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swetha

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