बसंत रथ की ट्रांस्फर के खिलाफ सोशल मीडिया पर मचा ‘घमासान’

punjabkesari.in Wednesday, Nov 14, 2018 - 07:19 PM (IST)

श्रीनगर : पूर्व महानिरीक्षक (आई.जी.पी.) ट्रैफिक बसंत रथ (आई.पी.सी.) की ट्रांस्फर के खिलाफ कश्मीर में सोशल मीडिया पर घमासान मच गया है। कई उपयोगकत्र्ताओं ने लोकप्रिय आई.पी.एस. अधिकारी को हटाए जाने पर सरकार के फैसले को श्रीनगर नगम निगम (एस.एम.सी.) के मेयर जुनैद मट्टू को दोषी ठहराया। रथ जिनको जम्मू कश्मीर में आई.जी.पी. ट्रैफिक का कार्यभार देने के बाद ट्रैफिक प्रणाली को सुधारने का क्रेडिट दिया गया को मंगलवार को आई.जी.पी. ट्रैफिक पद से हटा दिया गया। वर्ष 2000 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी और एस.एम.सी. मेयर जुनैद मट्टू के बीच ट्वीटर पर वाक्ययुद्ध के चार दिनों बाद सरकार का यह फैसला सामने आया। इस फैसले के परिणामस्वरुप घमासान मच गया कि मट्टू ने रथ को हटवाने के लिए राज्यपाल प्रशासन के साथ उनकी ताकत का उपयोग किया।  ट्वीटर पर एक उपयोगकर्ता ने ऑनलाइन पोल चलाया जिसमें उसने लोगों से इस झगडे में रथ का समर्थन करने का अनुरोध किया। 

PunjabKesariकश्मीर में लगातार यात्रा करने वाले अमित त्यागी नामक उपयोगकर्ता ने लिखा कि वे कहते हैं, निर्वाचित नेता आई.ए.एस./आई.पी.सी. अधिकारी से ज्यादा शक्तिशाली हैं। कश्मीरी लोग वोट दें। एक मौका दिया जाए, वे किसके लिए मतदान करेंगे? कई उपयोगकत्र्ताओं ने रथ के पक्ष में मतदान किया। एक अन्य उपयोगकर्ता नकी यूसुफ 1408 ने आई.पी.एस. अधिकारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था को बनाए रखने की तुलना में ट्रैफिक समस्याओं को एक व्यक्ति ने अकेले संभाला, अब उनका ट्रांस्फर किया गया। बसंत रथ ‘सम्मान’ , हमें आप जैसे अधिकारियों की आवश्यकता हैं।  


माजिद मलिक 40 ने ट्वीट किया कि इस भ्रष्ट देश में रथ के लिए कोई जगह नही हैं। मोसीन अहमद नामक एक उपयोगकर्ता ने कहा कि प्रिय अधिकारी, बसंत रथ ‘कांगरी कैरियर’ हम आपके ईमानदार और समर्पित अधिकारी होने के लिए सलाम करते हैं। हम हमेशा आपसे प्यार करेंगे और आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे तथा हमारी शुभकामनाएं हमेशा आपके साथ रहेगी। हम आपको याद करेंगे, महोयद। ट्वीटर उपयोगकर्ता शकील हमीद ने कहा कि गोभी ने अपनी परतों को सामने लाया। ‘बसंत रथ’ ‘जुनैद मट्टू’।
बता दें कि एस.एम.सी. मेयर और रथ के बीच नोकझोंक उस समय शुरु हो गई जब आई.पी.एस. अधिकारी ने मट्टू पर निशाना साधते हुए कहा कि शहर में आद्र्रभूमि का अधिक उपयोग नही जा सकता, यदि शहर के बुनियादा ढांचे का उचित विस्तार नही होगा।


 


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Monika Jamwal

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