स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने स्टाफ से की पूछताछ

punjabkesari.in Wednesday, Nov 14, 2018 - 09:03 AM (IST)

मलोट(स.ह.):मलोट के सरकारी अस्पताल में एक घर में बैठी डाक्टर की लग रही हाजिरी को लेक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच की। बेशक इस टीम की अध्यक्षता करने वाले सहायक सिविल सर्जन द्वारा जांच को रूटीन की चैकिंग बताया जा रहा है, परंतु पता चला है कि इस टीम ने अस्पताल में अन्य कमियों के साथ डाक्टरों की हाजिरी की कई पक्षों से जांच की।

सहायक सिविल सर्जन डा. ए.के. थापर ने अपने एक सहायक के साथ अस्पताल पहुंचकर इमारत, एमरजैंसी सहित सभी वार्डों, ओ.पी.डी. व लैबों में पहुंचकर निरीक्षण किया। इस टीम ने अस्पताल के शौचालयों व अन्य स्थानों पर सफाई के खराब प्रबंधों का नोटिस लिया तथा इमारत की खस्ता हालत व अन्य कमियों की रिपोर्ट तैयार की।

भले टीम द्वारा इसे रूटीन की जांच बताया जा रहा है, परंतु पता चला है कि जांच टीम ने अस्पताल के पूरे स्टाफ से निजी तौर पर पूछा कि क्या डाक्टर लीना महाजन अस्पताल आ रही हैं तो बड़ी संख्या में डाक्टरों व कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने आज तक उस डाक्टर की शक्ल तक भी नहीं देखी।पत्रकारों से बातचीत करते टीम प्रमुख व सहायक सिविल सर्जन डा. ए.के. थापर ने कहा कि यह रूटीन जांच है। पत्रकारों द्वारा डाक्टर लीना महाजन की एस.एम.ओ. डा. गुरचरण सिंह व क्लर्क गौरव कुमार द्वारा बिना अस्पताल आने पर लगाई हाजिरियों व रजिस्टर में फ्लयूड लगाकर टैंपरिंग करने बारे किए सवाल पर उन्होंने कहा कि रजिस्टर की फोटो कापियां हासिल कर ली हैं व अन्य जांचों जैसे ही इस मामले की जांच भी की है।

क्या है मामला

उल्लेखनीय है कि मलोट के सरकारी अस्पताल में डाक्टर लीना महाजन ने 22 सितम्बर को ज्वाइन किया। इसके बाद 1 माह 20 दिन तक उसको न तो किसी डाक्टर ने देखा है व न ही स्टाफ के किसी अन्य कर्मचारी ने, परंतु एस.एम.ओ. डा. गुरचरण सिंह व क्लर्क गौरव कुमार की कथित मिलीभगत से उसके हाजिरी रजिस्टर में हाजिरी लगाई गई व शोर मचने पर कुछ स्थानों पर टैपरिंग करके छुट्टियां भी भरी गईं। जब डाक्टर की अक्तूबर महीने की वेतन बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो मामला चर्चा में आ गया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच की है।


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