राहुल अपनी असफल राजनीति के कारण राफेल सौदे पर विवाद खड़ा करने को मजबूर: जेतली
punjabkesari.in Tuesday, Nov 13, 2018 - 11:15 PM (IST)
नई दिल्ली: राहुल गांधी पर हमला तेज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष अपनी असफल राजनीति के कारण ‘झूठ’ फैलाने और राफेल लड़ाकू विमान जैसे संवेदनशील रक्षा सौदे को लेकर विवाद खड़ा करने पर मजबूर हैं। जेतली ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने ही राफेल लड़ाकू विमान सौदे में देरी की थी। यह विमान सौदा भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए जरूरी था।
Falsehood is not a substitute for Rahul Gandhi’s failed politics.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) November 13, 2018
वित्त मंत्री कांग्रेस अध्यक्ष के उन आरोपों का जवाब दे रहे थे जिसमें राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राफेल सौदे में ‘‘चोरी’’ किए जाने की बात स्वीकार कर ली है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार कर लिया कि वायुसेना से पूछे बिना उन्होंने अनुबंध में बदलाव किया है।
UPA delayed the Rafale purchase, much required for improving the combat ability of Indian Air force. Is Rahul Gandhi’s failed politics compelling him to render India’s sensitive defence requirements controversial?
— Arun Jaitley (@arunjaitley) November 13, 2018
जेतली ने लगातार किए गए कई ट्वीट में कहा कि ‘झूठ’ बोलना असफल राजनीति का विकल्प नहीं हो सकता है। जेतली ने सवाल किया, ‘‘भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी राफेल सौदे को संप्रग सरकार ने लटकाए रखा। क्या राहुल गांधी की असफल राजनीति अब उन्हें भारत की संवेदनशील रक्षा जरूरतों पर विवाद खड़ा करने के लिए मजबूर कर रही है?’’
Realising that the Modi government bought the Rafale at a price cheaper than what UPA was negotiating the disrupter’s are now reporting to petty hair-splitting.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) November 13, 2018
केन्द्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को फ्रांस से 36 लड़ाकू विमानों की कीमत का ब्योरा सौंप दिया है। केन्द्र का कहना है कि इन विमानों का सौदा बेहतर शर्तों पर किया गया है। सौदा करते समय 2013 में तय की गई रक्षा खरीद प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन किया गया। समझौता होने से पहले इस पर मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति (सीसीएस) की मंजूरी भी ली गई। फ्रांस के साथ हुए इस सौदे को लेकर देश में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।
इससे पहले राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘मोदीजी ने उच्चतम न्यायालय में अपनी चोरी को मान लिया है। न्यायालय को दिए शपथपत्र में उन्होंने वायुसेना से पूछे बिना अनुबंध में बदलाव करने और 30,000 करोड़ रुपए अंबानी की जेब में डालने की बात मान ली है।’’
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