महाराजा रणजीत सिंह का परिवार हुआ एकजुट, कहा- कोहिनूर की हो वतन वापसी

punjabkesari.in Tuesday, Nov 13, 2018 - 10:55 PM (IST)

अमृतसर:  अंग्रेजी फौज से लोहा लेने वाले पंजाब के अंतिम शासक महाराजा रणजीत सिंह की 238वीं जयंती पर उनके वंशजों ने ब्रिटेन से कोहिनूर हीरे की वतन वापसी तथा महाराजा दलीप सिंह की अस्थियों को स्वदेश लाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने का संकल्प किया। शाही परिवार के सदस्यों ने आज उनकी याद में गुरुद्वारा सारागढ़ी में पाठ कराया। उन्होंने एकजुट होकर कोहिनूर हीरे की वतन वापसी तथा महाराजा दलीप सिंह की अस्थियों को स्वदेश लाकर सिख मर्यादा के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार कराने और उनके परिवार को शाही परिवार का दर्जा देने की लड़ाई लड़ने की बात कही।

समागम का आयोजन महाराजा की छठवीं पीढ़ी के डॉ. जसविंदर और डॉ. हरविंदर सिंह की अगुआई में किया गया। उन्होंने कहा कि अब उनका पूरा परिवार एकजुट हो गया है और ब्रिटेन में पड़े कोहिनूर हीरे की वतन वापसी, महाराजा दलीप सिंह की अस्थियों को यहां लाकर सिख मर्यादा के मुताबिक संस्कार करने और उनके परिवार को शाही परिवार का दर्जा देने की लड़ाई लड़ी जाएगी। इन लोगों का कहना है कि हीरे की वापसी का मामला सिरे नहीं चढ़ा। 

इसी तरह से महाराजा दिलीप सिंह की अस्थियों की वापसी का भी मुद्दा कई बार उठा, लेकिन इसमें भी सफलता नहीं मिली। शाही परिवार से संबंधित दिल्ली हाईकोर्ट के एडवोकेट संदीप सिंह ने बताया कि इन दोनों मामलों की रिट वह अदालत में दायर करने जा रहे हैं। उम्मीद है कि सरकारें इसमें उनकी मदद करेंगी। इस परिवार की मांग है कि पूरी दुनिया में महाराजा के बिखरे वंशजों को शाही परिवार के रूप चिह्नित किया जाए। 


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Vaneet

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