मकसूदां थाना ब्लास्ट के लिए पंजाब में ही बनाए गए थे हथगोले

punjabkesari.in Tuesday, Nov 13, 2018 - 01:02 PM (IST)

जालंधर(रविंदर): कश्मीरी आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-ङ्क्षहद की योजना पूरा मकसूदां थाना उड़ाने की थी। इसी नीति के तहत ही थाने पर 4 हथगोले दागे गए थे, मगर हथगोले लो इंटेसिटी के होने के कारण थाने को कुछ नुक्सान नहीं हो सका। यह हथगोले पंजाब में ही बनाए गए थे और संगठन के सरगना जाकिर मूसा ने इंजीनियरिंग कालेज के स्टूडैंट को ही हथगोले बनाने की आधी-अधूरी ट्रेङ्क्षनग दिलवाई थी। मकसूदां थाना ब्लास्ट करने के लिए इस स्टूडैंट को हाई इंटेसिटी हथगोला बनाने का आदेश हुआ था, मगर पूरी तरह ट्रेंड न होने के कारण उसने लो इंटेसिटी हथगोला तैयार कर दिया था जिसके कारण अपने मकसद में यह संगठन कामयाब नहीं हो सका। 

गौर हो कि 14 सितम्बर की रात को अंसार गजवत-उल-हिंद संगठन के 4 आतंकियों ने मकसूदां थाने पर हथगोलों से हमला किया था। चारों आतंकियों ने 4 हथगोले थाने के अंदर फैंके थे, क्योंकि हथगोले लो इंटेसिटी थे तो इसका धमाका भी ज्यादा नहीं हुआ। यही कारण था कि थाना स्तर पर पुलिस को भी यह समझने में काफी समय लग गया था कि यह आतंकी हमला है। हमला करने वाले इंजीनियरिंग कालेज के 2 स्टूडैंट्स शाहिद कयूम व फैजल बशीर थे, जबकि 2 आतंकी रऊफ और गाजी श्रीनगर से विमान के जरिए इस हमले को अंजाम देने आए थे। हमला करने के बाद रऊफ व गाजी उसी रात जालंधर बस अड्डे से जे. एंड.के. के लिए फरार हो गए थे। विशेष इनपुट के बाद पुलिस ने 3 व 4 नवंबर को इंजीनियरिंग कालेज के दोनों स्टूडैंट्स शाहिद कयूम व फैजल बशीर को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि इस हमले को अंजाम देने वाले 2 कुख्यात आतंकी रऊफ व गाजी अभी भी फरार हैं। 

सीमा पार से आई थी ए.के.-56 व विस्फोटक सामग्री
जांच एजैंसियों को पता चला है कि जहां सी.टी. इंस्टीच्यूट से पकड़े 3 आतंकियों को एक किलोग्राम विस्फोटक सामग्री व ए.के.-56 असाल्ट राइफल सीमा पार से आई थी, वहीं मकसूदां थाने पर हमला करने वाले आतंकियों को हथगोले पंजाब से ही मुहैया करवाए गए थे। संगठन का मुख्य मकसद थाना उड़ाने के बाद पंजाब पुलिस में खौफ पैदा करना था, ताकि पुलिस को बैकफुट पर लाकर पंजाब में दोबारा आतंकवाद को पैदा किया जा सके। 

हथगोले सप्लाई करने वाले आतंकी की तलाश में जुटी पुलिस
पंजाब पुलिस व जांच एजैंसियां अब पूरी तरह से फरार आतंकी रऊफ व गाजी की गिरफ्तारी के साथ-साथ पंजाब में सक्रिय इस संगठन के अन्य मॉडयूल को दबोचने में जुट गई हैं। पुलिस का मुख्य टारगेट मकसूदां थाना बलास्ट के लिए हथगोले सप्लाई करने वाले आतंकी को गिरफ्तार करना है। पुलिस ने हथगोले बनाने व उसे सप्लाई करने वाले आतंकी की तलाश में अलग-अलग टीमों का गठन कर छापामारी शुरू कर दी है। आने वाले कुछ दिनों में इस संगठन के कुछ और आतंकी पुलिस के हत्थे चढ़ सकते हैं। 

कश्मीरी आतंकियों के घर तक होगी जांच; 2 दिन का और पुलिस रिमांड
मकसूदां थाने में हैंड ग्रनेड फैंक कर बम ब्लास्ट करने वाले आतंकियों का पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें माननीय गगनदीप सिंह जे.एम.आई.सी. की अदालत में पेश किया गया। जहां पर थाना 1 की पुलिस ने उनका 3 दिन का पुलिस रिमांड मांगा जबकि अदालत ने उनका 2 दिन का ही पुलिस रिमांड दिया। ए.सी.पी. नवनीत सिंह माहल, थाना-1 के प्रभारी कुलवंत सिंह व ए.एस.आई. जगदीश ने पकड़े गए आतंकी शाहिद कयूम व फाजिल बशीर को सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया। 

ए.सी.पी. नवनीत सिंह माहल ने बताया कि पकड़े गए आतंकी जम्मू-कश्मीर से हैं जिस कारण उनके घर तक की जांच में पुलिस को समय चाहिए था। आतंकियों के मोबाइल में मिले नंबरों के आधार पर कुछ ऐसे नंबर मिले थे जो इनके काफी नजदीकी थे जिनकी जांच के लिए उन्होंने इनके नजदीकी करीब 52 युवकों से पूछताछ की जिसके बाद अब दोबारा से उन्हीं से पूछताछ के लिए आतंकियों का रिमांड हासिल किया गया। 

पकड़े आतंकियों की बैंक डिटेल खोलेगी राज
ए.सी.पी. नवनीत माहल ने बताया कि मकसूदां ब्लास्ट में पकड़े गए आतंकियों की बैंक के खातों की डिटेल निकलवाने के लिए बैंक को लिखा गया है। जिनकी हर आने-जाने वाली ट्रांजैक्शन के बारे में पुलिस पता करवाएगी जिसमें कई राज खुल सकते हैं। 

आतंकियों के लैपटॉप में सब कुछ मिला डिलीट
पकड़े गए आतंकियों से पुलिस ने मोबाइल व लैपटॉप बरामद किया था जो मोबाइल नंबर पुलिस को मिले उनके कुछ नजदीकी युवकों से पूछताछ की, वहीं पुलिस ने बरामद लैपटॉप की जांच की तो उसमें सब डिलीट हुआ पाया। पुलिस उस लैपटॉप में डिलीट हुए सभी सॉफ्टवेयर को रिकवर करने में लगी है।

मूसा ने परिवार को मारने की धमकी देकर करवाया था ब्लास्ट
पुलिस की पूछताछ में पकड़े गए आतंकियों ने बताया कि आतंकी मूसा ने उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर उनसे मकसूदां थाने में ब्लास्ट करवाया जबकि इससे पहले उन्होंने कभी कोई आपराधिक वारदात को अंजाम नहीं दिया था। 

ए.एस.आई. जगदीश की बहादुरी या लापरवाही?
आतंकियों को अदालत में पेश करके बाहर आते थाना 1 के ए.एस.आई. ने एक हाथ में अपनी पिस्तौल बाहर निकाल पकड़ी थी तो दूसरा हाथ आतंकी के कंधे पर था। वहीं आतंकी के एक हाथ में हथकड़ी लगी थी जबकि दूसरे पर नहीं जो पुलिस की एक बड़ी चूक भी हो सकती थी। ए.एस.आई. जगदीश के द्वारा पिस्तौल बाहर निकाल सरेआम आतंकी के साथ चलना खुद के लिए खतरा भी हो सकता था क्योंकि आतंकी के एक हाथ में तो हथकड़ी थी पर दूसरा खाली था जो पुलिस की जरा-सी चूक से आतंकी पिस्तौल छीन भी सकता था। अब इसे पुलिस की बहादुरी कहें या लापरवाही?


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