केंद्र के कटघरे में पंजाब सरकार,गर्भवती महिलाओं व शिशुओं को आहार बांटने की मांगी रिपोर्ट

punjabkesari.in Tuesday, Nov 13, 2018 - 10:39 AM (IST)

जालंधर(मोहन): गर्भवती, स्तनपान करवाने वाली महिलाओं और छोटे  बच्चों को दिए जाते पौष्टिक आहार की सामग्री न बांटने को लेकर केंद्र ने पंजाब सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए लाभार्थियों से सीधे ही इस बारे में रिपोर्ट मांग ली है।

आरोप है कि पंजाब सरकार ने केन्द्र सरकार की तरफ से दी जाती राशि को लाभार्थियों तक नहीं पहुंचाया। केंद्र सरकार ने पत्र जारी करके लाभार्थियों के नाम, पूर्ण विवरण, चित्र और आधार कार्ड का नंबर तक देने के आदेश दिए हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि पिछले 4 माह से पंजाब सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में उपरोक्त महिलाओं और बच्चों के लिए किसी प्रकार की कोई पौष्टिक सामग्री जारी ही नहीं की। महिला एवं बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी का इस बारे में कहना था, की आंगनबाड़ी केंद्रों में अभी छोटे बच्चों का रहना यकीनी नहीं बन पाया। इसके चलते यह सामग्री बंट नहीं सकी। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि पंजाब सरकार इसमें अपना हिस्सा डालने में असफल रही है ।  केंद्र सरकार की तरफ  से आई राशि कहीं अन्य खर्च कर ली गई है। 

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उल्लेखनीय केंद्र सरकार छोटे बच्चों, गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए पौष्टिक सामग्री देने के लिए राज्य सरकार को राशि जारी करती है। औसतन 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा दिया जाता है और बाकी का 40 प्रतिशत राज्य सरकार डालती है। पंजाब के 27,000 आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब 13.50 लाख लाभार्थी हैं। इन्हें इस योजना डाइट में चावल, घी, चीनी, गेहूं व अन्य पौष्टिक आहार दिया जाता है, परन्तु करीब एक वर्ष से छोटे बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिल रहा, जबकि गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को गत 4 माह से यह आहार नहीं दिया जा रहा। 140 करोड़ वार्षिक खर्च वाली इस योजना में केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की राशि वित्त वर्ष के प्रारम्भ में ही पंजाब को दे दी थी। पिछले वर्ष भी पंजाब सरकार ने उक्त आहार के वितरण में देरी की थी। 

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शिशुओं के बारे में नवम्बर-2017 में पंजाब सरकार का यह फैसला था कि उन्हें स्कूलों की बजाय आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं लगा कर शिक्षा दी जाए, वहीं पर उन्हें पौष्टिक आहार दिया जाए और बीमारियां रोकने की दवा, इंजैक्शन दिए जाएं परन्तु एक वर्ष में सरकार इस दिशा में एक भी कदम नहीं उठा सकी।परिणामस्वरूप शिशु पौष्टिक आहार और दवा से वंचित रह गए ऐसे शिशुओं की संख्या 1.75 लाख है, परन्तु उनके आहार की राशि कहां गई, यह एक अलग विषय है। गत 4 माह से गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को भी पौष्टिक आहार (पंजीरी) नहीं दी जा सकी। केंद्र सरकार तक पंजाब की यह शिकायत बार-बार पहुंची तो उसने एक पत्र जारी करके पंजाब सरकार को इस योजना के आबंटन के प्रमाण देने को कहा है। केंद्र ने सितम्बर-2018 तक की रिपोर्ट मांगी थी, चूंकि अगस्त से पंजाब सरकार की तरफ  से कोई आहार जारी नहीं किया गया, इसलिए 95 प्रतिशत आंगनबाडियों ने यह रिपोर्ट देने से मना कर दिया।

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