सरकार को सभी विश्वविद्यालयों में दाखिला प्रक्रिया में समानता लाने की जरूरत:HC

punjabkesari.in Tuesday, Nov 13, 2018 - 09:41 AM (IST)

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार को सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया समान बनाने की जरूरत है। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक ने हाल ही में कहा कि कई शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश प्रक्रिया में असमानता है।

 

गौरतलब है कि दो छात्रों ने याचिका दाखिल कर दो अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं द्वारा कानून में मास्टर डिग्री के लिए प्रवेश देने से मना करने पर चुनौती दी थी जिस पर अदालत सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं के अनुसार असावधानी के कारण उन्होंने स्नातक की डिग्री के तीन वर्ष में पाए गए अंको के औसत अंक की बजाय अंतिम वर्ष में पाए गए नंबर लिखे थे।

 

अदालत ने कहा कि अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में स्नातक की डिग्री में पाये गये अंकों को एक समान आधार नहीं बनाया जाता। कुछ स्थानों पर तीन वर्षों के अंकों का औसत देखा जाता है तो कुछ स्थानों पर अंतिम वर्ष का अंक देखा जाता है। अदालत ने कहा कि कम से कम महाराष्ट्र सरकार के अंतर्गत आने वाले शिक्षण संस्थानों में एक समान प्रवेश प्रक्रिया होनी चाहिए। प्रवेश प्रक्रिया में समानता लाने की आवश्यकता है।  अदालत ने कहा कि छात्रों को प्रवेश देते समय कालेजों और विश्वविद्यालयों को‘अति-तकनीकी’प्रक्रिया को नहीं  अपनाना चाहिए। अदालत ने दोनों याचिकाकर्ता छात्रों को संबंधित स्कूल में प्रवेश देने का आदेश दिया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

pooja

Recommended News

Related News