अजनाला परिवार का इस हलके में 32 साल तक रहा राज

punjabkesari.in Tuesday, Nov 13, 2018 - 01:11 AM (IST)

जालंधर(वेब डेस्क): शिरोमणी अकाली दल ने माझे में पार्टी के सीनियर नेता रत्न सिंह अजनाला और उनके पुत्र बौनी अजनाला को आज चाहे पार्टी में से बर्खास्त कर दिया हो परन्तु अजनाला परिवार की पिछले 32 साल से अपने हलके साथ-साथ खडूर साहिब लोकसभा सीट पर भी तूती बोलती रही है। इस दौरान एक समय ऐसा भी आया जब रत्न सिंह अजनाला खुद इस लोकसभा सीट से अकाली दल की टिकट पर संसद मेंबर चुने गए जबकि उन का पुत्र अजनाला विधानसभा सीट से विधायक बना। 

यह सिलसिला 2004 से लेकर 2014 तक लगातार चलता रहा। 2014 में अकाली दल ने रत्न सिंह अजनाला की टिकट काट कर रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा को दे दी और ब्रह्मपुरा को खडूर साहिब लोकसभा सीट से मैदान में उतारा। यह अजनाला परिवार के इस इलाके में पतन की शुरुआत थी। क्योंकि 2017 में उनका पुत्र अमरपाल सिंह बौनी अजनाला भी अपने हलके से विधायक का चुनाव हार गया। 1985 से लेकर इस हलके में चल रहा अजनाला परिवार का विजेता रथ 2017 में आकर पूरी तरह के साथ थम गया। 

हालांकि इससे पहले रत्न सिंह अजनाला न सिर्फ अकाली दल के कद्दवार नेता रहे बल्कि लगातार इस हलके पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने में कामयाब रहे। रत्न सिंह अजनाला पहली बार 1985 में विधायक बने। 1992 की मतदान का अकाली दल की तरफ से बाइकाट किए जाने के कारण कांग्रेस के हरचरन सिंह अजानाला ने यहां से जीत प्राप्त की परन्तु हरचरन सिंह अजनाला की मृत्यु हो जाने के बाद 1994 की उप चुनाव में रत्न सिंह अजनाला आजाद ही मैदान में उतरे और विजेता रहे। इसके बाद 1997 में हुए मतदान के दौरान शिरोमणी अकाली दल की तरफ से रत्न सिंह अजनाला ने न सिर्फ जीत हासिल की बल्कि पंजाब कैबिनेट का हिस्सा भी बने। इसके बाद 2002 की मतदान में उनको अकाली दल ने उम्मीदवार के तौर पर नहीं उतारा। 

वह 2004 की लोकसभा मतदान के दौरान (उस समय की) तरनतारन सीट मैदान में उतरे और जीत हासिल की। इसी तरह वह 2009 के लोकसभा मतदान में भी विजेता रहे। रत्न सिंह अजनाला जब लोकसभा मैंबर थे तो अकाली दल ने उनके पुत्र बौनी अजनाला को पहले 2007 और फिर 2012 की विधानसभा मतदान के दौरान उनके जद्दी हलके से मैदान में उतारा और दोनों बार ही बौनी अजनाला ने सीट जीत कर पार्टी की झोली में डाली। अजनाला परिवार के राजनीतिक सफर के कारण आज खडूर साहिब हलके में उनकी तूती बोल रही है। 


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Pardeep

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