अध्यापकों ने धर्मसोत की कोठी का किया घेराव

punjabkesari.in Monday, Nov 12, 2018 - 10:39 PM (IST)

नाभा(जैन) : एक तरफ पंजाब के शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी अध्यापकों के संघर्ष को खत्म करने के लिए सख्त स्टैंड ले रहे हैं, दूसरी तरफ दर्जनों कर्मचारी संगठनों के मुलाजिम फ्रंट ने अध्यापकों के संघर्ष में शामिल हो कर कैप्टन सरकार की परेशानियों में वृद्धि कर दी है। अध्यापकों ने आज शाम अनेक मुलाजिम संगठनों के साथ मिल कर कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के स्थानीय शिवा एंक्लेव स्थित प्राइवेट कोठी का घेराव करके प्रशासन की नींद हराम कर दी। आंदोलन के 37वें दिन अध्यापकों की संघर्ष कमेटी ने घोषणा की कि जब तक उनको पूरा वेतन नहीं मिलता, तब तक अध्यापकों का संघर्ष जारी रहेगा। 

नेताओं ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री और सचिव दोनों तानाशाही रवैया अपना कर नेताओं के स्थानांतरण और निलंबन के निर्देश दे रहे हैं परन्तु हम किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। हम शिक्षा सचिव की भद्दी चालों का मुंह-तोड़ जवाब देंगे। कैप्टन सरकार आदर्श और माडल स्कूल अध्यापकों को पूरे वेतन और स्थायी करने की जगह वेतन में 65 से 75 प्रतिशत कटौती करने और 5178 अध्यापकों को नियुक्ति पत्र में दर्ज शर्तों के अनुसार नवम्बर 2017 से रैगुलर करने से पीछे हट गई है। सरकार ने 5 नवम्बर की बैठक रद्द कर नादरशाही व्यवहार किया है, जिसका परिणाम कैप्टन सरकार को लोकसभा चुनावों में अवश्य ही भुगतना पड़ेगा। ?

स्टेट नेता बिक्रमदेव सिंह, जी.टी.यू. के जिला प्रधान सुखविंदर सिंह और वन विभाग के नेता जसविंदर सिंह और बलविंदर सिंह के नेतृत्व में कैप्टन सरकार, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव का जबरदस्त स्यापा किया गया। धरने के कारण सुबह 11 बजे से ही कोठी की ओर जाते सभी रास्तों पर बैरीकेड लगा कर भारी पुलिस फोर्स/कमांडोज तैनात कर दिए गए थे। महिला पुलिस फोर्स भी तैनात थी। एस.डी.एम. काला राम कांसल के अलावा डी.एस.पी. और 4 थानों के एस.एच.ओज के नेतृत्व में लगभग 250 पुलिस जवान कैबिनेट मंत्री की कोठी के समीप तैनात थे जिससे कि कोई असुखद घटना न घट सके। 


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