ब्रेस्ट कैंसर से बची रहती हैं जल्दी उठने वाली महिलाएंः रिसर्च, बचाव रखेंगे 5 टिप्स

punjabkesari.in Monday, Nov 12, 2018 - 04:09 PM (IST)

सुबह सूरज उगने से पहले उठना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इस समय वातावरण बहुत शुद्ध होता है, जिससे फेफडों को भरपूर ऑक्सीजन मिल पाती है। एक नए शोध यह बात सामने आई है कि देरी से उठने वाली महिलाओं की तुलना में जल्दी उठने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर का खतरा 40 फीसदी कम होता है। 

7-8  घंटे से अधिक सोना जोखिम भरा
महिलाओं के लिए नीद पूरी करना बहुत जरूरी है लेकिन में 7-8 घंटे ज्यादा सोते हैं उनके बीमार होने का खतरा भी दूसरों के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा बढ़ जाता है। शोध के अनुसार, प‍िछले कुछ सालों में यह समस्‍या अध‍िक पाई गई है। 8 में से एक महिला में स्तन कैंसर की शिकार हैं। इसकी सबसे पहली निशानी स्तन और निप्पल में गांठ महसूस होना। 
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क्या है ब्रेस्ट कैंसर?
शरीर के किसी हिस्से में जब कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है तो इसे कैंसर कहते हैं। इनके लगातार बढ़ने से कैंसर पूरे शरीर में फैलना शुरू हो जाता है। कोशिकाओं में होने वाली लगातार वृद्धि जब गांठ का रूप ले लेती है, जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं।
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स्तन कैंसर के कारण
1. स्तन कैंसर का कारण खराब लाइफस्टाइल है। खान-पान में अनदेखी, शारीरिक गतिविधियों की कमी आदि की वजह से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। 
2. स्तन कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन 40 वर्ष की उम्र के बाद इसके चांस बढ़ जाते हैं। 
3. हार्मोंन की गड़बड़ी भी इसका कारण हो सकता है। जो महिलाएं गर्भ निरोधक गोली का बहुत ज्यादा सेवन करती हैं, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। 
4. परिवार में अगर पहले से कोई इस बीमारी का शिकार है तो वंशानुगत कारणों से भी इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है।

स्तन कैंसर के लक्षण
- ब्रेस्ट में गांठ महसूस होना
- निपल से चिपचिपा पदार्थ निकलना
- निपल के साइज में असामान्य बदलाव
- लालगी दिखाई देना
- लगातार दर्द रहना
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स्‍तन कैंसर से बचाव के तरीके 
1. 40 के बाद करवाएं मेमोग्राफी

वैसे तो ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन 40 साल की उम्र के बाद इसका खतरा ज्यादा होता है। कैंसर की रोकथाम के लिए इस उम्र के बाद 6-6 महीने के अंतराल में मेमोग्राफी जरूर करवाएं। इससे कैंसर की स्टेज का पता चलता रहता है। 

2. सैर बहुत जरूरी
कैंसर की रोकथाम में एक्सरसाइज का भी बहुत अहम रोल है। दिनचर्या में योग या एक्सरसाइज को जरूर शामिल करें। हर रोज कम से कम आधा घंटा पैदल जरूर चलें और हफ्ते में 3 घंटे दौड़ लगाएं। 

3. अल्कोहल और धूम्रपान से दूरी
अल्कोहल और धूम्रपान भी ब्रेस्ट कैंसर की वजह बन सकता है। इसे दूरी बनाकर स्वस्थ रह सकती हैं। 

4. मोटापा कम करें
मोटापा कई बीमारियों को अपने साथ लेकर आता है, इसी में सेे एक है ब्रेस्ट कैंसर। इससे बचाव करने के लिए सबसे पहले अपना वजन कंट्रोल करने का प्रयास करें। ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा। 

5. डाइट का भी अहम रोल 
शरीर को बीमारियों से दूर करने में अहम रोल रखती है हैल्दी डाइट। ब्रेस्ट कैंसर से बचाव रखने में अपनी डाइट का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है। 

- मशरूम 
यह सब्जी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती है। कैंसर की कोशिकाओं से लड़ने में मददगार है। 

- लहसुन और प्याज
इनमें मौजूद सल्फर कंपाउंडकैंसर की कोशिकाओं को मार कर इंसुलिन उत्पादन को कम करके शरीर में ट्यूमर नहीं होने देता।

- अदरक 
ट्यूमर की कोशिकाओं को रोकने के लिए मदद करते है। 

- हल्दी
एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर हल्दी कैंसर रोधी है। 

- पपीता और संतरा
ये फल कैंसर की कोशिकाओं को रोकने की क्षमता रखता है। 

- गाजर और कद्दू 
ये सब्जियां ब्रेस्ट कैंसर के साथ कई प्रकार के कैंसर की रोकथाम में असरदार हैं। 

- ग्रीन टी
दिन में 2 कप ग्रीन टी के सेवन करने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और इम्यूनिटी पावर बढ़ती है। 

- फलियां और दाल 
प्रोटीन,फाइबर और फोलेट से भरपूर ये खाद्य पदार्थ कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। 


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Content Writer

Priya verma

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