बच्चे नहीं पति देता है अधिक तनाव, रिसर्च में औरतों के कई खुलासे

punjabkesari.in Sunday, Nov 11, 2018 - 06:14 PM (IST)

तनाव यानि की डिप्रेशन, आज लोगों के ऊपर इस कद्र हावी हो गया है कि 5 में 3 शख्स इसकी गिरफ्त में है। फिर चाहे वो ऑफिस में काम करता शख्स हो या स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा। वर्किंग वुमेन जहां काम की वजह से स्ट्रैस की शिकार है, वहीं हाऊस वुमेन भी इससे बची नहीं है। घर का डिस्टर्ब वातावरण उसे तनाव ग्रस्त करता है। ऐसा हम नहीं बल्कि स्टडी में कहा गया है।

 

1. बच्चे नहीं, पति देता है तनाव
हाल ही में हुई स्टडी के अनुसार, भारत में बच्चों से ज्यादा तनाव महिला को पति से मिलता है जिसका कारण पति का धोखेबाज होना या दुर्व्यवहार नहीं बल्कि परिवार की जिम्मेदारियों को ठीक से न निभाना है। बच्चों व घरेलू जिम्मेदारियों में महिला इस कदर उलझ जाती है कि उनमें तनाव की स्थिति उत्पन्न होने लगती है।

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दरअसल, एक सर्वे में 7 हजार महिलाओं को शामिल किया गया और उनसे घरेलू समस्याओं से जुड़े कुछ सवाल पूछे गए। इस दौरान उनसे यह सवाल भी किया गया कि किन कारणों से उन्हें तनाव का सामना करना पड़ता है और इसका जिम्मेदार घर का कौन सा सदस्य है? तब 46 प्रतिशत महिलाओं ने दावा किया कि उनके पतियों ने उन्हें बच्चों की तुलना में अधिक तनाव दिया है।

 

2. पति का बच्चे जैसा व्यवहार 
 अधिकतर महिलाओं का कहना था कि उनके पति 35 की उम्र में भी 7 साल के बच्चे जैसा व्यवहार करते हैं जबकि वह जिम्मेदारियों को भली भांति समझ सकते हैं। यहीं कारण महिला के स्ट्रेस की वजह बनता है।

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3. जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ना
पति घर की जिम्मेदारियों से बचते है जिसका खामियाजा पत्नी को तनाव के रुप में भुगतना पड़ता है। वह अक्सर बच्चों व घर की जिम्मेदारियों में उलझ कर रह जाती है जिस वजह से उन्हें तनाव का सामना करना पड़ता है। परिवार और बच्चे के पालन-पोषण का बोझ उनके कंधों पर पड़ा रहता है, कारण वह तनाव ग्रस्त हो जाती हैं।

 

4. पैरेंटिंग में भी नहीं मिलता साथ 
सर्वे में 4 में 3 महिलाओं ने स्वीकार किया कि घरेलू कार्यों और बच्चों की परवरिश में उनको अपने पति की पर्याप्त मदद नहीं मिलती जिस वजह से उन्हें अपनी तरफ ध्यान देने का मौका ही नहीं मिल पाता। वह इस बात को लेकर भी डिप्रेस हो जाती है कि उनके पास खुद की केयर का समय नहीं है। तब दुख और बढ़ जाता है, जब महिलाओं को उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद भी श्रेय नहीं दिया जाता।

 

5. सास की नोंक-झोंक भी वजह
स्टडी में हुई रिसर्च के मुताबिक,  सास द्वारा दिए गए तनाव का औसत स्तर 10 में से 8.5 था। वैसे तो सास-बहू का रिश्ता बड़ा अनमोल होता है लेकिन कई बार इनके बीच नोंक-झोंक भी होने लगती है। जब पति की जिम्मेदारियों के साथ-साथ सास की बेरूखी भी सहनी पड़े तो अक्सर महिलाएं खुद को अकेला महसूस करने लगती है जिससे उन्हें तनाव हो सकता है।

 

6. ऐसी परिस्थिति में क्या करें?
अगर किसी महिला को अपने पति से अतिरिक्त तनाव मिल रहा है तो उसे इस विषय पर खुलकर बात करनी चाहिए। घर की जिम्मेदारियों को आपस में बांट ले जिसमें  खरीदारी, बच्चों की पढ़ाई और अन्य घरेलू काम को आपसी तालमेल बिठाकर करें। इतना ही नहीं, बजट में नियंत्रण रख, एक दूसरे के प्रति केयरिंग व एक-दूसरे का काम शेयर कर इस समस्या से बचा जा सकता है।

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Content Writer

Sunita Rajput

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