सेना प्रमुख ने स्कूली बच्चों को दिए सफल इंसान बनने के टिप्स

punjabkesari.in Sunday, Nov 11, 2018 - 12:14 PM (IST)

लुधियाना (सलूजा): यदि आप जीवन में एक विशेष मुकाम हासिल करना चाहते हो तो आपको सबसे पहले यह निश्चित करना होगा कि आप क्या बनना चाहते हो। कई बार आप बहुत मेहनत करते हो लेकिन उम्मीद के मुताबिक आपके हाथ में सफलता नहीं लगती। इस लिए नाकाम होने पर निराश ना हो बलकि एक चुनौती के रूप में स्वीकार करे। 

यह अहम टिप्स यहां सतपाल स्कूल में भारतीय सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने नेहरू सिधांत केन्द्र ट्रस्ट की तरफ से आयोजित सतपाल मित्तल नेशनल अवॉर्ड्स  समारोह के दौरान बच्चों के रू-ब-रू होते हुए दिए।  उन्होंने कहा कि आज हम पश्चिमी सभ्याचार को अपनाने लगे है। जब कि भारतीय सभ्याचार बहुत अमीर है।  इसको आगे लेकर जाने की जरूरत है। इसी के साथ ही उन्होंने नौजवानो को पश्चिमी सभ्याचार से बचने की अपील की। 

ये अवॉर्ड्स अरुणाचलम मुरुगनंतम, द लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया (नई दिल्ली) और तिरुमालाई चैरिटी ट्रस्ट, रानीपेट (तमिलनाडु) को प्रदान किए गए। श्री अरुणाचलम को ‘व्यक्तिगत’ श्रेणी में सम्मानित किया गया है तो ‘संस्थागत’ श्रेणी में पुरस्कार लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया और तिरुमालाई चैरिटी ट्रस्ट द्वारा संयुक्त तौर पर प्राप्त किया गया। विजेताओं को अवॉर्ड के साथ कुल 12 लाख रुपए के नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। 

सतपॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड विजेता 
श्री अरुणाचलम मुरुगनंतम (जिन्हें पैड मैन के नाम से जाना जाता है) को कम लागत वाली सैनिटरी पैड बनाने की मशीन का आविष्कार करने के लिए ‘व्यक्तिगत’ श्रेणी के तहत सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। तिरुमालाई चैरिटी ट्रस्ट (टी.सी.टी.) को महिला स्वयंसेवकों और गांव समुदायों को संगठित करके एकीकृत प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल के प्रासंगिक मॉडल के विकास के लिए ‘संस्थागत’ श्रेणी के तहत सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।  द लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया को ‘संस्थागत’ श्रेणी के तहत सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड प्रदान किया गया है ताकि नजरअंदाज किए गए समुदायों के लोगों को विशेष कुष्ठ रोग उपचार मुहैया कराया जा सके।

सत पॉल मित्तल एप्रिसिएशन अवॉर्ड के विजेता
 दीपालय को ‘संस्थागत’ श्रेणी के तहत सत पॉल मित्तल एप्रिसिएशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। दीपालय ने 13000 से अधिक पुरुषों और महिलाओं (ज्यादातर वंचित पृष्ठभूमि से युवाओं) को व्यावसायिक प्रशिक्षण / कौशल प्रदान किया है और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 1425 स्वयं सहायता समूहों की स्थापना की है। डॉ. ओमेश कुमार भारती को ‘व्यक्तिगत’ श्रेणी के तहत रैबीज का कम लागत वाला उपचार विकसित करने के लिए सत पॉल मित्तल एप्रिसिएशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस नई उपचार विधि से प्रति रोगी पर मौजूदा लागत का लगभग दसवां हिस्सा ही खर्च आता है। 

राकेश भारती मित्तल ने बताया कि मानवता के लिए उत्कृष्ट सेवा के लिए हर साल ‘सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड’ और ‘सत पॉल मित्तल एप्रिसिएशन अवॉर्ड’ प्रदान किए जाते हैं। हर साल एन.एस.के.टी. स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, भोजन, आश्रय, गरीबी उन्मूलन, कला, संस्कृति, बाल अधिकार, अलग-अलग विकलांग और महिला सशक्तिकरण के कल्याण सहित क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को अपने सफल सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित करने के लिए नामांकन आमंत्रित करता है।

पुरस्कारों के प्रमुख पूर्व प्राप्तकर्ताओं में डॉ. ई. श्रीधरन, डॉ.एस.एस. बद्रीनाथ, एला आर भट्ट, स्वर्गीय सुनील दत्त, अन्ना हजारे, अक्षय पत्र फाउंडेशन, एस.ओ.एस. चिल्ड्रेन विलेज और स्वामी विवेकानंद यूथ मूवमेंट, आंदोलन, नव-ज्योति दिल्ली पुलिस फाउंडेशन फॉर कोरेक्शन डी-एडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन शामिल हैं।  इस अवसर पर भारतीय सेना के पुर्व मुखी जनरल वेद प्रकाश मलिक समेत कई प्रमुख शख्सियते उपस्थित रही। 


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