महिलाओं की डाइट पर निर्भर करते है पीरियड्स: रिसर्च
punjabkesari.in Friday, Nov 09, 2018 - 12:49 PM (IST)
एक समय अवधि के बाद महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होना स्वाभाविक है। हार्मोनल परिवर्तन के चलते हर महिला को महीने में 1 हफ्ता या उससे कुछ दिन कम मासिक धर्म से गुजरना पड़ता है। कुछ लड़कियों में पीरियड्य छोटी उम्र में आ जाते है जिस वजह उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोगों का मानना है कि पीरियड्स का वक्त से पहले या बाद में आना अनुवांशिक है लेकिन हाल में हुई एक स्टडी के मुताबिक, खान-पान का असर भी महिलाओं के पीरियड्स पर पड़ता है।
पीरियड्स का खान-पान से होता है संबंध
एक स्टडी में महिलाओं से खान-पान के बारे में सवाल किए गए। जिन महिलाओं की डाइट फलीदार सब्जियां थी, उनके पीरियड्स में एक से डेढ़ साल की देरी देखी गई। वहीं, जो महिलाएं अपनी डाइट में ज्यादा कार्बोहाइट्रेड वाले आहार लेती थी, उन्हें एक से डेढ़ साल पहले ही पीरियड्स का सामना करना पड़ा।
दरअसल, शोधकर्ताओं का कहना है कि फलीदार सब्जियां एंटिऑक्सिडेंट से भरपूर होती हैं जिसे खाने से पीरियड्स देरी से आते है। दूसरी तरफ कार्बोहाइड्रेट इंसुलिन प्रतिरोधक के खतरे को बढ़ाता है जिससे सेक्स हार्मोन प्रभावित होते है और एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है। ऐसी स्थिति में पीरियड्स का चक्र भी प्रभावित होता है और वक्त से पहले पीरियड्स आने की संभावना भी बढ़ जाती है।
पीरियड्स की उम्र से जुड़ी है महिलाओं की सेहत
स्टडी के शोधकर्ता जेनेट कैड ने बताया है कि पीरियड्स की उम्र से महिलाओं की सेहत जुड़ी होती है। जिन महिलाओं को वक्त से पहले पीरियड्स आते है, उनमें दिल व हड्डी की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं, जिन्हें देरी से पीरियड्स आते है, उनमें स्तन व गर्भाश्य कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
पीरियड्स में क्या खाएं और किसे कहें 'ना'
पहले पीरियड्स के दौरान अपने आहार में भी परिवर्तन कर लें। ऐसे आहार लें जिसमें कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट हो जैसे, हरी सब्जियां, मेवे, दही, टमाटर, शिमला मिर्च अन्य आदि। वहीं, पीरियड्स के दिनों में पास्ता, वाइट ब्रेड, फ्राइड फूड और शक्करयुक्त चीजें से परहेज करें। शराब और कॉफी का सेवन भी ना करें।