पराली जलाई तो रद्द होगा आर्म्स लाइसेंस, बनवाने वालों को भी होगी दिक्कत

punjabkesari.in Friday, Nov 09, 2018 - 05:38 PM (IST)

फतेहाबाद (रमेश भट्ट): प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद किसान पराली में आग लगाने में बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं, फतेहाबाद जिले के किसान पराली में आग लगाने में पहले स्थान पर हैं। अब आगजनी न हो, इसे लेकर डीसी ने अहम आदेश जारी किया है। डीसी ने कहा कि अगर जिस किसान ने पराली में आग लगाई तो उसके बंदूक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। ऐसा आदेश जारी होने के बाद किसानों में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं, प्रशासन के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है कि किसानों को जागरूक करें।

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दीपावली के दिन अनेक गांवों में किसानों ने पराली में आग लगाई है, जिसके बाद गुरुवार को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। वहीं, आंखों में जलन भी पैदा हो रही थी। फतेहाबाद जिले के किसान पराली में आग लगाने में पहले स्थान पर हैं। अधिकतर किसानों ने दीपवाली की रात को पराली में आग लगा दी, जिस कारण शहर में स्मॉग बढ़ गया।

डीसी जेके आभीर ने आदेश जारी कहा कि पराली का मुददा महत्वपूर्ण है। फतेहाबाद में पराली जलाने के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। अगर किसी के पास बंदूक का लाइसेंस है और उसने या फिर उसके परिवार के लोगों ने पराली जलाई है तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति जब प्रशासन के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं तो वे शक के दायरे में हैं। ऐसे में, उन्हें बंदूक का लाइसेंस रखने का कोई अधिकार नहीं है।

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डीसी जेके आभीर ने कहा कि ऐसे किसान जिनके आर्म लाइसेंस बने हुए हैं और जो अपने खेतों में पड़ी पराली को आग लगाते हैं, उनके आर्म लाइसेंस के नवीनीकरण, क्षेत्र विस्तार या नए आर्म ऐड करवाने संबंधी प्रार्थना पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा। नए आर्म लाइसेंस बनवाने के इच्छुक किसानों के संबंध में भी यह जांच की जाएगी कि उन्होंने अपने खेतों में पराली या अन्य फसली अवशेष जलाए थे या नहीं। ग्राम सचिवों, सरपंचों और पुलिस-प्रशासन से उन लोगों की सूची मांगी गई है जिनके पास आर्म लाइसेंस है और उन्होंने पराली जलाई है।

300 किसानों को दिया गया नोटिस
प्राथमिक दृष्टि से फतेहाबाद जिले में 1508 जगहों पर आग लगी है। लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों ने केवल 300 किसानों को ही चिह्नित किया है। ऐसे में, उपायुक्त ने भी कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि नोटिस देने की कार्रवाई तेज करें, ताकि किसानों में भय पैदा हो। वहीं संबंधित सरपंच, ग्राम सचिवों व ड्यूटी मजिस्ट्रेट को भी आदेश जारी किए गए हैं कि किसानों को चिह्नित कर इसकी रिपोर्ट करें।

प्रदेश में यहां सबसे ज्यादा जली पराली
प्रदेश में फतेहाबाद जिला ऐसा है जहां पराली जलाने का आंकड़ा डेढ़ हजार से पार जा चुका है। अगर यही स्थिति रही तो 2000 के करीब यह आंकड़ा पहुंच सकता है। सैटेलाइट से मिले सबूत के अनुसार प्रदेश में फतेहाबाद में 1508, कैथल में 1219, करनाल में 819, कुरुक्षेत्र में 733, सिरसा में 480, जींद में 390, अंबाला में 300, पलवल में 250 व यमुनानगर 201 स्थानों में किसानों ने पराली में आग लगाई है।


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Shivam

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