Kundli Tv- दीपावली पर तिजोरी की पूजा कैसे करनी है ?

punjabkesari.in Wednesday, Nov 07, 2018 - 09:52 AM (IST)

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बुधवार दिनांक 07.11.18 को कार्तिक अमावस्या पर दीपावली मनाई जाएगी। दीपावली पर शुभलाभ के रूप में गणपति, धन रूप में महालक्ष्मी, तिजोरी व ज़ेवरात के रूप में कुबेर, बही खातों के रूप में सरस्वती, स्याही के रूप में काली के पूजन का विशेष विधान है। ब्रह्मपुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या की रात महालक्ष्मी स्वयं भूलोक पर आकार हर सद्गृहस्थ के घर विचरण करती हैं। जो घर हर प्रकार से स्वच्छ, शुद्ध व सुंदर तरीके से सुसज्जित व प्रकाशयुक्त होता है वहां अंश रूप में ठहर जाती हैं। इसी दिन रामचंद्रजी 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे व उज्जैन के राजा विक्रमादित्य का राजतिलक हुआ था। विक्रम संवत का आरंभ भी आज से माना जाता है। इसी दिन व्यापारी अपने बही-खाते बदलते हैं व लाभ-हानि का ब्यौरा तैयार करते हैं। कार्तिक अमावस्या पर श्रीहरी क्षीरसागर की तरंग पर सुख से सोते हैं व लक्ष्मी जी दैत्य भय से विमुख होकर कमल के उदर में निवास करती है। इस दिन दीपों की पूजा का विशेष महत्व हैं। दो थालों में छः चौमुखे दीपक व छब्बीस छोटे दीपक रखे जाते हैं। इन सब दीपकों को प्रज्जवलित कर जल, रोली, खील-बताशे, चावल, गुड़, अबीर, गुलाल, धूप से पूजन करते है। एक चौमुखा, छः छोटे दीपक गणेश लक्ष्मीजी के पास रखें जाते हैं। 
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स्पेशल पूजन विधि: सुबह के समय गणपति सरस्वती महालक्ष्मी, महाकाली और कुबेर इन पंच देवी-देवताओं की स्थापना करें। घर की उत्तर दिशा में किसी चौकी पर गणपति के लिए हरा, सरस्वती के लिए पीला, लक्ष्मी के लिए लाल, काली के लिए काला और कुबेर के लिए सफ़ेद कपड़ा बिछाकर उसपर मिट्टी की पांच हाडियां (मिट्टी के घरोंदे) रखकर गणपति, सरस्वती, लक्ष्मी, काली और कुबेर के चित्र यंत्र व मूर्तियां स्थापित करें। पंच देवताओं का विधिवत षोडषौपचार पूजन करें। गाय के घी व तेल के दीप करें, अष्टगंध की धूप करें, रोली, कुंकुम, चंदन अबीर, गुलाल, जटामासी, सिंदूर, हरिद्रा काजल, केसर चढ़ाएं। विशेष उपचार के तौर पर गणपति पर दूर्वा चढ़ाएं, महालक्ष्मी पर कमलगट्टे, काली पर काली स्याही से भरी पेन, सरस्वती पर नोटबुक, व कुबेर पर चांदी के सिक्के चढ़ाएं। सभी देवताओं पर गुलाबी, सफ़ेद लाल, पीले फूल चढ़ाएं तथा महालक्ष्मी पर बिल्वपत्र ज़रूर चढ़ाएं व पंचमेवे का भोग लगाएं। महालक्ष्मी को चावल की खीर, गणपति को मोदक, सरस्वती को लड्डू, काली को गुलाबजामुन व कुबेर को मावे की बर्फी का भोग समर्पित करें तथा इन विशेष मंत्रों से एक-एक 1 माला जाप करें और विशेष तरह की माला से जाप करें। लक्ष्मी के लिए कमलगट्टे की माला, गणेश के लिए लाल चंदन की माला, सरस्वती के लिए सफ़ेद चंदन की माला, काली के लिए हकीक की माला, और कुबेर के लिए स्फटिक की माला प्रयोग करें। इसके बाद गणेश सूक्त, श्री सूक्त, आद्य काली सूक्त के साथ साथ सरस्वती व कुबेर वंदना पढ़ने के बाद मिट्टी के हवन कुंड में कपूर से समिधा जलाकर गाय के घी से 11-11 बार मंत्रो के पीछे स्वाहा लगाकर हवन करें तथा इसके बाद सभी पंच देवी-देवताओं की आरती करें। पूजन के बाद भोग सभी परिवरजन मिलकर खाएं। 
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दीपावली पंच देव स्थापना मुहूर्त: सुबह 07:25 से सुबह 09:23 तक। (स्थिर वृश्चिक लग्न) 

दीपावली शरद सरस्वती पूजन मुहूर्त: सुबह 10:45 से दिन 12:00 तक। (शुभ काल)

बही-खाता पूजन मुहूर्त: दिन 14:00 से शाम 15:30 तक। (स्थिर कुंभ लग्न)

संध्या कालीन दीपावली पूजन मुहूर्त: शाम 17:27 से रात 20:06 तक। (प्रदोष काल)
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प्रातः कालीन दीपावली पूजन मुहूर्त: सुबह 07:25 से सुबह 09:23 तक। (लाभ-अमृत वेला)

वृषभकाल दीपावली पूजन मुहूर्त: शाम 17:57 से शाम 19:53 तक। (स्थिर वृष लग्न)

सिंहकाल दीपावली पूजन मुहूर्त: रात 00:28 से रात 02:45 तक। (स्थिर सिंह लग्न)

महानिशिता काल पूजन मुहूर्त: रात 23:38 से रात 00:31 तक। (विशेष कमला साधना)

गणेश पूजन मंत्र: गं गणेश्वराय नमः॥
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सरस्वती पूजन मंत्र: ऐंग स्त्रों सरस्वत्यै नमः॥ 

लक्ष्मी पूजन मंत्र: ॐ श्रीं श्रीं श्रीं स्थिरलक्ष्म्यै नमः॥

काली पूजन मंत्र: क्रीं काल्यै कामसुन्दर्यै नमः॥

कुबेर पूजन मंत्र: ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:॥

स्पेशल टोटके: 
शुभलाभ के लिए:
वं वक्रतुण्डाय नमः मंत्र बोलते हुए गणपति पर साबुत सुपारी चढ़ाकर गल्ले में रखें। 
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आर्थिक संपन्नता के लिए: श्रीं श्रीये नमः मंत्र बोलते हुए देवी महालक्ष्मी पर मोतिशंख चढ़ाकर तिजोरी में रखें।

अपार धन प्राप्ति के लिए: क्लीं कुबराय नमः मंत्र बोलते हुए कुबेर देव पर गोमती चक्र चढ़ाकर उत्तर दिशा में स्थापित करें। 

दरिद्रता दूर करने के लिए: शाम के समय घर की पुरानी झाड़ू को जला दें और नई झाड़ू रखें।

ज्ञानार्जन कर परीक्षा में सफलता के लिए: देवी सरस्वती पर चढ़ा मोरपंख स्टडी टेबल पर लगाएं।

काले जादू टोने से मुक्ति के लिए: क्रीं काल्यै नमः बोलते हुए काली यंत्र से सामने 15 लौंग के दाने कपूर से जला दें।  

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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