Kundli Tv- यहां जानें मृत्यु के बाद आप किस नरक में जाएंगे ?

punjabkesari.in Sunday, Nov 04, 2018 - 01:05 PM (IST)

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हिंदू धर्म के अनुसार कैलाश पर्वत जहां देवों के देव महादेव का बसेरा है, उसके ऊपर स्वर्ग और नीचे नर्क जिस हम पाताल लोक है। संस्कृत शब्द स्वर्ग को मेरू पर्वत के ऊपर के लोगों के लिए प्रयुक्त किया है। जिस तरह धरती पर पाताल और नर्क लोक की स्थिति बताई गई है उसी तरह धरती पर स्वर्ग की स्थिति भी बताई गई है। 
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जानते हैं कि कौन क्यों नरक जाता है-
बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने मनमाने यज्ञकर्म, त्योहार, उपवास और पूजा-पाठ का आविष्कार कर लिया है और जो मनगढ़ंत तांत्रिक कर्म भी करते हैं। ऐसी दूषित भावना से और शास्त्र विधि के विपरीत यज्ञ आदि कर्म करने वाले पुरुष कृमिश नर्क में गिराए जाते हैं। इस प्रकार के शास्त्र वर्जित कर्मों के आचरण रूप पापों से पापी सहस्त्रों अत्यंत घोर नर्कों में अवश्य गिरते हैं।
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ज्यादातर लोगों को भोजन करते वक्त देखा गया है कि वह किसी का स्मरण नहीं करते और भोजन के नियमों को नहीं मानते। बता दें कि इसका उनके जीवन पर बहुत असर पड़ता है। 

शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति खाने में से देवताओं और पितरों का भाग निकालें बिना भोजन करता है वह यमदूतों द्वारा लालभक्ष नामक नर्क में गिराया जाता है।

हिंदू ग्रथों के अनुसार झूठी गवाही देने वाला मनुष्य रौरव नर्क में पड़ता है। 

जो गउओं और संन्यासियों को कहीं बंद करके रखता है वह पापी रोध नर्क में जाता है।
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इसके अलावा मदिरा पीने वाला शूकर नर्क में और नर हत्या करने वाला ताल नर्क में गिर जाता है।

गुरु पत्नी के साथ संबंध बनाने वाला करने वाला पुरुष तप्तकुंभ नामक नर्क में तड़पाया जाता है। इसी के साथ गुरुजनों का अपमान करने वाला पापी महाज्वाल नर्क में डाला जाता है।

जो अपने भक्त की हत्या करता है उसे तप्तलोक नर्क में तपाया जाता है।

गरुड़ पुराण के अनुसार वेद शास्त्रों का अपमान करने और उन्हें नष्ट करने वाला लवण नामक नर्क में गलाया जाता है।

पुराणों में लिखा है कि धर्म मर्यादा का उल्लंघन करने वाला विमोहक नर्क में जाता है।

देवताओं के प्रति ईर्ष्या रखने वाला मनुष्य कृमिभक्ष नर्क में जाता है। 
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सब जीवों से व्यर्थ बैर रखने वाला और छल पूर्वक अस्त्र-शस्त्र का निर्माण करने वाला विशसन नर्क में गिराया जाता है।

अकेले ही मिष्ठान ग्रहण करने वाला पूयवह नर्क में पड़ता है।

बहुत से लोग जानवरों को पाल कर उनके बल पर अपना जीवन यापन करते हैं। आजकल मुर्गों और कुत्तों को बेचने और पालने का व्यापार भी चल रहा है। बकरा, मुर्गा, कुत्ता, बिल्ली तथा पक्षियों को जीविका के लिए पालने वाला मनुष्य भी पूयवह नर्क में पड़ता है।

पुराणों में कहा गया है कि दूसरों के घर, खेत, घास और अनाज में आग लगाने वाला रुधिरांध नर्क में डाला जाता है।

धन, ताकत और जवानी में उन्मुक्त होकर दूसरों के धन का अपहरण करने वाले पापी को कृष्ण (अंधकार) नामक नर्क में गिराया जाता है।
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पुराणों के अनुसार वृक्षों को काटने वाला मनुष्य असिपत्रवन नर्क में जाता है। इसके अलावा जो कपटवृत्ति से जीविका चलाते हैं, वे सब लोग बहिज्वाल नामक नर्क में गिराए जाते हैं।

हिंदू धर्म में ब्रह्म, विष्णु और महेश को प्रमुख देवता माना गया है जो भगवान शिव और विष्णु को नहीं मानते उन्हें अवीचि नर्क में गिराया जाता है।
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Jyoti

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