चाइनीज सामानों की बढ़ती मांग से मायूस हुए कुम्हार

punjabkesari.in Sunday, Nov 04, 2018 - 11:56 AM (IST)

प्रयागराजः दीपावली में आपके घर आगन को रोशन करने वालों को खुद 'रौशनी' की दरकार है। प्रयागराज में मिटटी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों की स्थिति बदतर होती जा रही है। चायनीज और डिस्पोजल आइटम के ज्यादा इस्तमाल ने मिटटी के बर्तनों को गायब ही कर दिया है। साथ ही साथ बढ़ती मंहगाई ने कुम्हारों और दुकानदारों के  हालात और बिगाड़ दिए हैं।
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कुम्हारों को दिवाली आने से कई हफ्तों पहले ही दुकानों से दियों और मिटटी के सामानों का आर्डर मिल जाता था, लेकिन इस बार महज कुछ ही दिन बचे हैं। अभी भी इनको कोई बड़ा आर्डर नहीं मिला है। लोग अब पारंपरिक दियों को कम पसंद कर रहे हैं और चाइनीज झालरों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक के सामान ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
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कुम्हारों की मानें तो मिटटी का एक ट्रैक्टर पिछले साल जो 600 रुपया था, वह इस साल बढकर 1500 रुपया हो गया है। जिसकी वजह से दियो और मिटटी के बर्तनों के दाम भी बढ़ गए हैं। कुम्हारों का कहना है कि पिछले साल चाइनीज सामानों पर थोड़ी पाबंदी लगाई गई थी जिसके चलते थोड़ी राहत ज़रूर थी, लेकिन इस साल जितनी लागत लगी है, वही निकलना मुश्किल हो रहा है।

ऊपर से चाइनीज सामानों की बढ़ती डिमांड ने कुम्हारों के चेहरे से ख़ुशी गायब कर दी है। कुम्हारों का कहना है कि अब पहले जैसी बात नहीं है। सदियों से चले आ रहे कारोबार को बस किसी तरह चलाया जा रहा है। उधर, घर की महिलाओं का कहना है कि घर चलाना मुश्किल हो गया है। सरकार को हम लोगों की पीड़ा को समझना चाहिए।


 


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Tamanna Bhardwaj

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