आम्रपाली समूह के डायरेक्टर्स की याचिका खारिज, दिवाली पर नहीं जा सकेंगे घर
punjabkesari.in Wednesday, Oct 31, 2018 - 05:04 PM (IST)
नई दिल्लीः आम्रपाली के तीनों डायरेक्टर्स को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान तीनों डायरेक्टर्स की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वे दिवाली पर अपने घर जाना चाहते हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही आम्रपाली ग्रुप के तीनों डायरेक्टर्स पुलिस निगरानी में नोएडा के सेक्टर-62 स्थित होटल में नजरबंद हैं।
Supreme Court dismisses the plea of the Amrapali group Chief Managing Director (CMD) and 2 other directors to visit their homes on Diwali.
— ANI (@ANI) October 31, 2018
रोज़ बनवाएंगे दस्तावेज़ों का कैटलॉग
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि तीनों निदेशक पुलिस निगरानी में रहकर अपने ग्रुप की 46 कंपनियों के दस्तावेज़ों का कैटलॉग तैयार करके फ़ोरेंसिक ऑडिटर्स को सौंपेंगे। ये रोज़ सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक दस्तावेज़ों का कैटलॉग बनवाएंगे। इसके बाद पुलिस निगरानी में नोएडा के सेक्टर-62 स्थित होटल में रहेंगे।
आपको बता दें कि आम्रपाली बिल्डर्स के डायरेक्टर्स को फोरेंसिक ऑडिट के लिए अपनी 46 कंपनियों के दस्तावेज ऑडिटर को उपलब्ध कराने हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के सीएमडी सहित तीन निदेशकों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर उनसे चार सप्ताह में जवाब भी मांगा है।
बिहार के दो परिसर भी सील
इससे पहले आम्रपाली समूह ने पीठ को जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सात संपत्तियों तथा बिहार के दो परिसरों को सील कर दिया गया है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा के सात परिसरों को सील करने का काम गुरुवार को पूरा कर लिया गया था।
कोर्ट के आदेश का किया उल्लंघन
सुनवाई के दौरान फ्लैट खरीददारों के वकील एमएल लाहौटी ने कहा कि समूह के प्रमोटर और दो निदेशकों ने अदालत के आदेश का लगातार उल्लंघन किया है। पिछले करीब एक वर्ष से समूह लगातार अदालती आदेशों की अनदेखी कर रहा है। वे अदालत के समक्ष गलतबयानी कर रहे हैं। तीनों निदेशकों को पुलिस हिरासत में रखा जाना चाहिए।
फोरेंसिक एक्सपर्ट का आरोप
फोरेंसिक एक्सपर्ट ने पीठ को बताया कि उनके लिए दस्तावेजों को सूचीबद्ध करना संभव नहीं है। साथ ही, आरोप लगाया कि आम्रपाली समूह ने अब तक मांगे गए दस्तावेज मुहैया नहीं कराए हैं। पीठ ने कहा कि दस्तावेजों को क्रमवार सूचीबद्ध करने का काम समूह का है।