उमा भारती पर जानलेवा हमले के मामले में 20 साल बाद आया ये बड़ा फैसला

10/31/2018 10:40:37 AM

छतरपुर: केंद्रीय मंत्री उमा भारती और उनके गार्ड के ऊपर 20 साल पुराने चर्चित जानलेवा हमला मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।   तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने इस मामले के 11 आरोपियों को बरी कर दिया है।  10 वीं बटालियन एसएएफ डी कंपनी कैंप छतरपुर के एएसआई हरिओम प्रसाद लटौरिया जो 1998 में हुई इस घटना के दौरान उमा भारती के सुरक्षाकर्मी के रूप में तैनात थे। उन्होंने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि राजनगर थाना क्षेत्र के चंद्रनगर आमरोड पर 8 फरवरी 1998 को दिन  करीब 3.30 बजे तत्कालीन लोकसभा प्रत्याशी उमा भारती जैसे ही अपने गार्ड के साथ वहां से गुजरीं। तभी आरोपितगणों ने उनके वाहन के सामने जीप अड़ा दी और पथराव करते हुए गोली चलाई।

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इस वारदात के बाद उमा भारती जैसे ही चंद्रनगर चौकी के सामने पहुंची, उसी समय मनोज त्रिवेदी, अर्जुन सिंह, गोविंद सिंह, भगवानदास नामदेव, सलीम खान, हफीज उर्फ जमाल, रघुवीर प्रसाद, शहादत खान, संजीव राज, लखन लाल दुबे, शंकर नामदेव, फैयाज खान ने उमा भारती के गार्ड हरिओम लटौरिया के ऊपर पथराव करके गोलियां चलाई। मामले की विवेचना के दौरान इस मामले के दो आरोपी अशोक कुमार और इदरीश की मौत हो गई थी। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 148, 149, 341, 332, 307 के प्रकरण कायम करके प्रकरण न्यायालय में पेश किया गया।

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तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने वर्तमान मे केंद्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पर हुए जानलेवा हमले के 11 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने मामले के 11 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। फैसला सुनते ही सभी आरोपियों के चेहरे खिल उठे।  छतरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी ने कहा कि आखिर सच की जीत हुई मेरा नाम राजनैतिक षड्यंत्र के तहत झूठा लिखाया गया था कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए न्याय व्यवस्था पर गहरी आस्था प्रकट की।

 


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suman

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