Kundli Tv- सभी पेड़ों में पीपल क्यों है श्रेष्ठ ?

punjabkesari.in Monday, Oct 29, 2018 - 04:57 PM (IST)

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पीपल में विष्णु भगवान का वास माना गया है। श्रीमद् भागवत गीता के 10वें अध्याय के 26वें श्लोक में भगवान कृष्ण स्वयं कहते हैं, ‘‘मैं सब वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूं । इसलिए हिन्दू पीपल की रक्षा के लिए तैयार हो जाते हैं। स्कंद पुराण नागर 247 श्लोक के अनुसार, पीपल की जड़ में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान श्री हरि और फलों में सब देवता निवास करते हैं।
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यह वृक्ष विष्णु स्वरूप है। महात्मा पुरुष इस वृक्ष के पुण्यमय मूल की सेवा करते हैं। इसका गुणों से युक्त और कामनादायक आश्रय मनुष्यों के हजारों पापों का नाश करने वाला है। वैज्ञानिक अनुसंधानों से पता चलता है कि पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो रात-दिन प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन का विसर्जन करता है। इसकी छाया सर्दी में गर्मी प्रदान करती है तथा गर्मी में शीतलता देती है।
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शास्त्रानुसार शनिवार को पीपल पर लक्ष्मी जी का वास माना जाता है तथा उस दिन जल चढ़ाना जहां श्रेष्ठ है वहीं रविवार को पीपल पर जल चढ़ाना निषेध है। शास्त्रों के अनुसार रविवार को पीपल पर जल चढ़ाने से जीव दरिद्रता को प्राप्त करते हैं। पीपल के वृक्ष को कभी काटना नहीं चाहिए। ऐसा करने से पितरों को कष्ट मिलते हैं तथा वंशवृद्धि की हानि होती है। किसी विशेष प्रयोजन से विधिवत नियमानुसार पूजन करने तथा यज्ञादि पवित्र कार्यों के लक्ष्य से पीपल की लकड़ी काटने पर दोष नहीं लगता। 
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पीपल प्राणवायु प्रदाता है। अत: जगत का पालक है। वैज्ञानिक अनुसंधानों द्वारा यह भी सिद्ध हुआ है कि पीपल के पत्तों से संस्पृष्ट वायु के प्रवाह व ध्वनि से लोगों के कीटाणु धीरे-धीरे नष्ट हो जाते हैं। वैदिक ग्रंथों के अनुसार इसके पत्ते, फल, छाल सभी रोगनाशक हैं।
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Niyati Bhandari

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