एक क्लिक पर जानिए हिमाचल कैबिनेट के बड़े फैसले (Watch Video)

punjabkesari.in Monday, Oct 22, 2018 - 05:52 PM (IST)

शिमला (विकास): पूर्व कांग्रेस सरकार में खुले कॉलेज बंद हो सकते हैं। इनमें से 5 कालेज जीरो इनरोलमैंट के हैं जिनमें ज्यूरी, पवाबो, बसदेहड़ा ऊना, नारग और काजा शामिल हैं। इनमें से 3 कालेजों ज्यूरी, पवाबो और काजा को लेकर यथास्थिति बनाए रखने को कहा गया है। यानी इन कालेजों में अभी तक न कोई स्टाफ है और न ही अन्य सुविधाएं। इस तरह ये कालेज एक तरह से क्रियाशील नहीं हो पाएंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिए जाने की सूचना है। बैठक में शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए शिक्षा विभाग में सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबंध आधार पर विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर शिक्षकों के 230 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में विवादित किन्नौर जिला में 780 मैगावाट जंगी-थोपन-पोवारी जलविद्युत परियोजना का निर्माण कार्य सतलुज जलविद्युत निगम सीमित को देने का निर्णय लिया गया। 

यह भी निर्णय लिया गया कि ऊर्जा विभाग केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों व प्रदेश के सार्वजनिक उपक्रमों को आबंटित योजनाओं के निर्माण के लिए एक समय सीमा निर्धारित करेगा। बैठक में उद्योगों में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को 1,000 रुपए प्रतिमाह की दर से अधिकतम 2 वर्षों के लिए कौशल विकास भत्ता प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इस तरह यह योजना जारी रखी गई है। ऐसे सभी युवकों जिनकी शारीरिक अक्षमता 50 प्रतिशत से अधिक है, को इस योजना के अंतर्गत 1,500 रुपए प्रतिमाह की दर से यह भत्ता दिया जाएगा और यह भत्ता निजी क्षेत्र में काम करने वाले ऐसे कर्मचारियों को मिलेगा जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपए तक है।

बी.एड. कालेज धर्मशाला को मिले 6 पद
मंत्रिमंडल ने राजकीय बी.एड. कालेज धर्मशाला में विभिन्न श्रेणियों के 6 अतिरिक्त पदों को सृजित करने व भरने की मंजूरी प्रदान की। लंबे समय से इन पदों को सृजित करके भरने की मांग की जा रही थी।

पावर प्रोजैक्ट 2 चरणों में विभाजित
बैठक में मैसर्ज गायत्री जलविद्युत परियोजना (प्राइवेट लिमिटेड) को आबंटित बर्नुआला-बरून्द लघु जलविद्युत परियोजना को 2 चरणों में विभाजित करने का फैसला लिया गया। निर्णय के अनुसार 2 मैगावाट की चरण-1 बर्नुआला-बरून्द की ऊंचाई सीमा को 1990-1765 मीटर तथा  0.80 मैगावाट क्षमता की बर्नुआला-बरून्द-1 चरण-2 की एलीवेशन रेंज को 1700-1615 मीटर किया गया है। निर्माता कंपनी को मौजूदा जलविद्युत नीति के तहत प्रीमियम, सुरक्षा शुल्क तथा प्रसंस्करण शुल्क नए सिरे से जमा करना होगा।

वाक-इन-इंटरव्यू से लगे डॉक्टरों का वेतन बढ़ा
प्रदेश सरकार ने वाक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से लगे डॉक्टरों के वेतन को बढ़ाने का निर्णय लिया है। मौजूदा समय में इस श्रेणी के डॉक्टरों को 26,500 रुपए मिलते हैं। सरकार ने इन डॉक्टरों के मानदेय में 10,000 रुपए की वृद्धि करने की घोषणा की है। इस तरह सरकार ने डॉक्टरों को दिवाली का तोहफा देते हुए उनकी इस मांग को पूरा किया गया है। इसके अलावा वॉक-इन-इंटरव्यू से लगे विशेषज्ञों के वेतन में भी सरकार ने वृद्धि करने की बात कही है। सरकार को उम्मीद है कि इस वृद्धि से प्रदेश भर में डॉक्टरों के खाली पड़े 350 से अधिक पदों को भरने में मदद मिलेगी। इसी तरह सरकार ने ग्रामीण एवं दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के उद्देश्य से निजी क्षेत्र में निवेश को मंजूरी प्रदान की है।

मेधा प्रोत्साहन योजना शुरू
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को संघ लोक सेवा आयोग/कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की कोङ्क्षचग के लिए मेधा प्रोत्साहन योजना को शुरू करने का निर्णय लिया। योजना के तहत सी.एल.ए.टी./एन.ई.ई.टी./आई.आई.टी. जे.ई.ई./एस./ए.एफ.एम.सी./एन.डी.ए. आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोङ्क्षचग सुविधा प्रदान की जाएगी। योजना के अंतर्गत एक लाख रुपए की आॢथक सहायता या वास्तविकता के अनुसार जो भी कम हो, ऐसे मेधावी छात्रों को प्रदान की जाएगी। बशर्ते विद्यार्थी की सालाना पारिवारिक आय 2.50 लाख रुपए से अधिक न हो। चालू वित्त वर्ष के दौरान इस योजना के तहत 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा मंडी जिला के थट्टा में आवश्यक पदों के सृजन सहित नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने को स्वीकृति प्रदान की।

स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी निवेश करने को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने एक अन्य अहम निर्णय लेते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच व सुगमतापूर्वक खर्चा वहन करना सुनिश्चित करने तथा निजी क्षेत्र द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने व स्वास्थ्य प्रणाली को प्रभावी, कुशल, सुरक्षित और किफायती बनाने के लिए राज्य में ‘स्वास्थ्य में सहभागिता योजना’ आरंभ करने का निर्णय लिया। योजना के अंतर्गत एक करोड़ रुपए तक के निवेश पर 25 प्रतिशत का पूंजी उपदान भवन, मशीनरी और उपकरणों पर निर्धारित मानदंडों के अनुसार निजी क्षेत्र में एलोपैथिक अस्पताल स्थापित करने के लिए किसी भी व्यक्ति, फर्म, कंपनी, ट्रस्ट व सोसायटी को निर्धारित क्षेत्र में स्थापित करने के लिए प्रदान किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत अधिकतम 75 लाख रुपए की ऋण राशि पर 3 वर्षों के लिए 5 प्रतिशत ब्याज उपदान प्रदान किया जाएगा।


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Ekta

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