बिजली बोर्ड के इस कारनामे से सैकड़ों कर्मचारी मायूस

punjabkesari.in Monday, Oct 22, 2018 - 10:50 AM (IST)

शिमला: राज्य विद्युत बोर्ड ने अधीक्षण अभियंता को एक ही दिन में डी.पी.सी. और पदोन्नति दे दी लेकिन लाइनमैन को डी.पी.सी. होने के 25 दिन बाद भी उन्हें पदोन्नति नहीं मिल पाई। बिजली बोर्ड के इस कारनामे से निचले स्तर के कर्मचारी मायूस हैं। बताया जा रहा है कि धर्मशाला जोन में लगभग 188 लाइनमैन को फोरमैन पदोन्नत किया जाना है। इनकी डी.पी.सी. बीते 27 और 28 सितंबर को हो चुकी है। इनकी पदोन्नति की कंट्रोलिंग अथॉरिटी चीफ इंजीनियर है लेकिन बोर्ड ने पदोन्नति की फाइल ऊर्जा मंत्री को भेजी है। यही वजह है कि 25 दिन बाद भी लाइनमैन को पदोन्नति नहीं मिल पाई है।

इसमें हो रही देरी के कारण कुछ लाइनमैन को बिना पदोन्नति के ही रिटायर होने की चिंता सताने लगी है। इसके विपरीत बिजली बोर्ड ने बीते 26 सितम्बर को अधीक्षण अभियंता (एस.ई.) की डी.पी.सी. की और 27 सितंबर को इनकी पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए। ऐसे में सवाल उठता है कि जब अफसरशाही के खुद के लाभ की बारी आती है तो सभी फाइलें फटाफट क्लीयर हो जाती हैं और जब निचले स्तर के कर्मियों को लाभ देने होते हैं तो कई दिनों तक फाइलें धूल फांकती रहती हैं। इससे कर्मचारियों का मनोबल गिरता है। 

पदोन्नति आदेश जारी करने के लिए संबंधित कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी को ही अधिकृत किया जाए
राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने राज्य सरकार व बिजली बोर्ड प्रबंधक वर्ग से मांग की है कि बिजली कर्मचारियों की पदोन्नति आदेशों को जारी करने के लिए संबंधित कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी को ही अधिकृत किया जाए। पहले भी कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी ही ऐसे पदोन्नति आदेश अपने स्तर पर जारी करती रही है लेकिन वर्तमान सरकार में ऐसे पदोन्नति आदेशों को जारी करने के लिए फाइल संबंधित ऊर्जा मंत्री की स्वीकृति के लिए भेजी जा रही है, जिसकी वजह से पदोन्नति आदेशों में अनावश्यक देरी हो रही है। इस वजह से कुछ कर्मचारी इसी माह रिटायर होने जा रहे हैं। इस वजह से उन्हें पदोन्नति से वंचित रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अधिकारियों के पदोन्नति आदेश बगैर विलंब के जारी किए जाते हैं, ऐसे ही निचले स्तर के कर्मचारियों के आदेश भी होने चाहिए।
 


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Ekta

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