देवधर ट्रॉफी में सिलेक्ट हुआ पापू : कभी एक विकेट लेने पर मिलते थे 10 रुपए

punjabkesari.in Friday, Oct 19, 2018 - 06:13 PM (IST)

गुवाहाटी :  देवधर ट्रॉफी में इस बार 23 साल के बाएं हाथ के स्पिनर पापू राय की हर ओर चर्चा है। बेहद गरीब परिवार में जन्मे कोलकाता के पापू अंजिक्य रहाणे की अगुआई वाली भारत-सी टीम में चुने गए हैं। पापू का इतने बड़े प्लेटफार्म पर आना आसान नहीं था। वह बहुत छोटा था, जब उसने अपने माता-पिता को खो दिया। पापू पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि बचपन में विकेट लेने का मतलब होता था कि उन्हें दोपहर और रात का पर्याप्त खाना मिलेगा।

पापू ने अपने मुश्किल भरे दिनों को याद करते कहा कि तब लोग उसे अपनी टीम की तरफ से खेलने के लिए बुलाते थे। कहते थे हर विकेट पर 10 रुपए देंगे। ऐसे ही विकेट निकालने की भूख बढ़ती गई। पापू ने बताया कि उनके उनकी माता पार्वती देवी और पिता जमादार राय बिहार के रहने वाले थे, जो काम करने के लिए बंगाल आए। पिता ट्रक ड्राइवर थे। उनका दिल का दौरा पडऩे से निधन हुआ, जबकि उनकी मां लंबी बीमारी के बाद चल बसी थी।

पापू ने कहा कि मैंने कभी माता-पिता को देखा नहीं है। मैं कभी गांव नहीं गया। मैंने उनके बारे में केवल सुना है। काश, अगर वह आज जिंदा होते तो मुझे भारत सी की तरफ से खेलते हुए देखकर कितना खुश होते। मुझे लगता है कि पिछले कई वर्षों की मेरी कड़ी मेहनत का अब मुझे फल मिल रहा है। माता-पिता की मौत के बाद पापू के चाचा और चाची ने उसे संभाला। लेकिन बीमार रहने के कारण जब चाचा भी चल बसे तो तब 15 साल के पापू के लिए एक समय का भोजन जुटाना भी मुश्किल हो गया। 

पापू को आखिरकार क्रिकेट ने नया जीवन दिया। हावड़ा क्रिकेट अकादमी के कोच सुजीत साहा ने उन्हें निखारा। 2011 में बंगाल क्रिकेट संघ की सेकंड डिविजन लीग में वह सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। पापू ने कहा- "मेरे दोस्त (मुजाकिर अली खान और आसिफ इकबाल खान) जिनसे मैं यहां मिला, उन्होंने मुझसे कहा कि वे मुझे भोजन और छत मुहैया कराएंगे। इस तरह ओडि़शा मेरा घर बन गया।" उन्हें 2015 में ओडि़शा अंडर-15 टीम में जगह मिली। 3 साल बाद पापू सीनियर टीम में पहुंच गए और उन्होंने ओडि़शा की तरफ से लिस्ट-ए के 8 मैचों में 14 विकेट लिए। अब वह देवधर ट्रॉफी में खेलने के लिए उत्साहित हैं।


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Jasmeet

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