राम मंदिर से लेकर सबरीमाला तक, पढ़ें मोहन भागवत के संबोधन की 10 बड़ी बातें

punjabkesari.in Friday, Oct 19, 2018 - 01:04 AM (IST)

नेशनल डेस्कः  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने आज संघ के स्थापना दिवस पर कहा कि देश के रक्षा बलों को सशक्त बनाने और पड़ोसियों के साथ शांति स्थापित करने के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है। नागपुर में आरएसएस ने पारपंरिक विजयादशमी उत्सव मनाया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस भी मौजूद रहे। वहीं, मुख्य अतिथि के तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी पहुंचे। आरएसएस ने कार्यक्रम की शुरुआत शस्त्र पूजा से की।
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भागवत के संबोधन की 10 बड़ी बातें

  1. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाए केंद्र सरकार। 
  2. मंदिर का बनना स्वगौरव की दृष्टि से आवश्यक है, मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा।
  3. सबरीमाला पर कोर्ट के निर्णय का उद्देश्य स्त्री-पुरुष समानता का था, लेकिन इससे क्या हुआ। वर्षों पुरानी चल रही परंपरा टूट गई। अब विरोध हो रहा है, इसके लिए धर्माचार्यों से बात होनी चाहिए, क्योंकि वे बदलाव की बात को समझते हैं।
  4. हिंद महासागर तक कई द्वीप ऐसे हैं, जो सामरिक दृष्टि से काफी अहम हैं। उन सभी की नाकाबंदी होनी चाहिए। दुनिया में ऐसे कई देश हैं जो भारत को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते।
  5. सशस्त्र बलों को सशक्त बनाने और पड़ोसियों के साथ शांति स्थापित करने के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है।
  6. भारत की विदेश नीति हमेशा शांति, सहिष्णुता और सरकारों से निरपेक्ष मित्रवत संबंधों की रही है।
  7. रक्षा उत्पादन में पूर्ण आत्मनिर्भरता के बगैर भारत अपनी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नहीं हो सकता।
  8. हिंसा फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो।
  9. पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि वहां नई सरकार आ जाने के बावजूद सीमा पर हमले बंद नहीं हुए हैं।      
  10. देशवासियों से अपील की कि वे समाज में ‘शहरी माओवाद’ और ‘नव-वामपंथी’ तत्वों की गतिविधियों से सावधान रहें।
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Seema Sharma

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