दिल्ली दरबार पहुंचे कैप्टन, पराली के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से मांगी मदद
punjabkesari.in Thursday, Oct 18, 2018 - 05:31 PM (IST)
जालन्धर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करके किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली पर रोक लगाने के लिए मुआवजे की मांग की तथा साथ ही सी.सी.एल. (कैश क्रैडिट लिमिट) में चल रहे 31000 करोड़ के अंतर के मामले को हल करने की गुहार लगाई।
Met Prime Minister @narendramodi ji to seek his personal intervention for support to prepare for celebrations of 550th Prakash Purab of Guru Nanak Dev ji. It’s a historic occasion & I’m hopeful of Centre’s full support. Also pressed for settlement of Rs 31,000 Cr CCL gap. pic.twitter.com/8cV4iEmvbk
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) October 18, 2018
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से दिल्ली में मुलाकात के दौरान कहा कि राज्य के किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कैप्टन ने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री मोदी उनके द्वारा रखी गई मांगों पर गौर करते हुए पंजाब को सहयोग देंगे। प्रधानमंत्री ने भी उन्हें मांगों पर गौर करने का यकीन दिलाया।उन्होंने पराली को जलाने पर रोक लगाने के लिए किसानों के लिए 100 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की। कैप्टन ने कहा कि इस समस्या पर रोक तभी लग सकती है जब किसानों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा। कैप्टन ने मोदी से कहा कि पराली को जलाने की समस्या गंभीर रूप धारण करती जा रही है तथा इससे वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। राज्य सरकार ने अपने स्तर पर पराली को जलाने से रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं परन्तु फिर भी यह समस्या विकराल रूप धारण किए हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में 60 :40 अनुपात को बहाल करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए फैसले के लिए उनका आभार भी जताया। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने केंद्र द्वारा यू.टी. चंडीगढ़ में अधिकारियों के तैनाती को लेकर किए गए छेड़छाड़ पर कड़ा प्रोटैस्ट व्यक्त किया था। मुख्यमंत्री के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पी.एम. मोदी से कहा है कि वह 31000 करोड़ के सी.सी.एल. गैप को भरने के लिए त्वरित कदम उठाए क्योंकि काफी समय से मामला लटका पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने मोदी को कहा कि इस मसले का समाधान करने के लिए वह केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से भी मिल चुके हैं तथा साथ ही खाद्य आपूर्ति मंत्री के सामने भी यह मामला उन्होंने उठाया था। मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि वित्त मंत्रालय तथा जी.ओ.आई. द्वारा इस मामले पर गौर किया जा रहा है परन्तु अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को व्यक्तिगत दखल देकर 31000 करोड़ के सी.सी.एल. अंतर का मामला निपटाना चाहिए क्योंकि यह मामला लम्बित होने के कारण पंजाब पर बोझ पड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि जी.ओ.आई. ने इससे पहले भी राज्य सरकारों को सहायता पैकेज उदारता के साथ दिए हुए हैं।
श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव हेतु फंड मांगे
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय फंड उदारता से देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष आ रहे इस महान प्रकाशोत्सव को देखते हुए केंद्र को अभी से फंड जारी कर देने चाहिए ताकि प्रकाशोत्सव से भव्य ढंग से मनाने के लिए राज्य सरकार समूचे प्रबंध व तैयारियां कर सके। मुख्यमंत्री ने मोदी को कहा कि राज्य सरकार ने इस संबंध में पहले ही लगभग 2000 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजा हुआ है।
बाढ़ से हुए नुक्सान के बदले 800 करोड़ देने का मुद्दा उठाया
हाल ही में पंजाब में हुई असमय बारिश के कारण कुछ भागों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। इसे देखते हुए पंजाब सरकार को लगभग 800 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए ताकि प्रभावित किसानों व अन्य लोगों में यह राशि बांटी जा सके। मुख्यमंत्री ने इससे पहले प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने 22 से 24 सितम्बर के बीच हुई भारी बारिश के कारण फसलों को पहुंचे नुक्सान को देखते हुए मुआवजे की मांग की थी। प्रधानमंत्री को सूचित किया गया कि फसलों का 150 करोड़, सड़कों का 119.32 करोड़ का नुक्सान हुआ है जबकि 516.51 करोड़ की राशि बाढ़ की रोकथाम व अन्य सिंचाई कार्य को सम्पन्न करने के लिए दी जानी चाहिए।
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