एशिया की सबसे बड़ी प्लाईवुड फैक्ट्री की बोली शुरू, ग्रेजुईटी की लड़ाई अभी बाकी
punjabkesari.in Thursday, Oct 18, 2018 - 04:02 PM (IST)
टोहाना(सुशील सिंगला): कभी एशिया की सबसे बडी कंपनी का खिताब रखने वाली प्लाईवुड की फैक्ट्री वक्त की मार से निलामी की मार झेल रही है। क्योकि इसकी करोड़ों की मार्किट की देनदारी के साथ कर्मचारियों का पैसा भी यहांं पर बकाया था। लगभग सात साल की लंबी कानुनी लडा़ई के बाद अब 106 कर्मचारियों को उनका लगभग डेढ करोड रूपया मिलने की उंम्मीद है। जिसका श्रैय यूनियन नेतृत्व वजीर नांगला माननीय न्यायालय को देता है। इससे पहले भी न्युनतम की बोली को लेकर कोशिश हुई थी पर वो किसी न किसी तकनीकी या अन्य कारणें सें नहीं हो पाई थी।
अबकी बार इसमें कार्यवाही हुई व प्रथम चरण में आठ एकड़ भूमि की निलामी अधिकारियों की मौजुदगी में हुई। कर्मचारियों को उम्मीद जगी है इसके बाद अन्य 250 कर्मचारियों की ग्रेजुईटी भी मिल जाएगी। वही कानूनी लडाई लड रहे वकील विरेन्द्र शर्मा बताते है कि इसके बाद व्यापारियों की लडाई भी बाकी है जिनका लगभग 7 करोड रूपया यहां बकाया है।
गौरतलब है कि इस न्युकम प्लाईवुड फैक्ट्री से जहां रोजगार के अवसर टोहाना में बढ़े थे। वही तरक्की की उद्योग की नई राह भी खुली थी पर किसी कारणवंश यह बन्द हो गई। जिसके बाद बेकारी की मार भी कर्मियों ने झेली। इस फैसले से जरूर उनके चेहरों पर कुछ रोनक लौटेगी।