पंचायतों को निगम में शामिल करने का रास्ता साफ मगर लाल डोरे पर असमंजस

punjabkesari.in Thursday, Oct 18, 2018 - 02:38 PM (IST)

चंडीगढ़ (राय): चंडीगढ़ प्रशासन के अनुरोध पर राज्य चुनाव आयुक्त ने आगामी दिसम्बर माह में होने वाले पंचायत चुनावों की प्रक्रिया को रोक कर 13 गांव की 12 पंचायत को निगम में शामिल करने का रास्ता साफ कर दिया है। प्रशासन के लिए अब मुश्किल यह है कि इन गांव की रैवेन्यू लैंड (लालडोरा के बाहर) को निगम के हवाले किया जाए या प्रशासन उसे अपने अधिकारी क्षेत्र में रखे।

 

चंडीगढ़ में गांवों में लालडोरा के बाहर की भूमि को लेकर दो कानून चल रहे हैं। वर्ष 1996 में नगर निगम के गठन के समय जो चार गांव व मनीमाजरा निगम के अधिकार क्षेत्र में दिए गए उनकी रैवेन्यू लैंड भी निगम को दी गई अत: वहां लालडोरा जैसी समस्या नहीं है व वहां लालडोरा के बाहर किए गए निर्माणों को निगम ने नियमित भी किया। 

 

जबकि वर्ष 2006 में पांच गांव निगम के हवाले किए गए व उनकी रैवेन्यू लैंड भी निगम के हवाले की गई। इसी का अनुसरण करते हुए वर्ष 2007 में हल्लोमाजरा के  साथ लगते दीप कॉम्पलैक्स को अधिग्रहण से मुक्त कर निगम के हवाले कर दिया गया। अचानक वर्ष 2009 में प्रशासन ने एक अन्य अधिसूचना जारी कर उक्त पांच गांव की रैवेन्यू लैंड निगम से वापस ले ली। 

 

इस निर्णय के साथ ही दीप कॉम्पलैक्स पुन: प्रशासन के अधिकारक्षेत्र में लालडोरा सीमा के बाहर हो गया। जो वर्ष तक निगम पांच गांवों में विकास की योजनाएं बनाता रहा व लालडोरा के बाहर किए गए निर्माण कार्यों को नियमित करने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी। 

 

अचानक सब रुक गया व आज तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। अब जो गांव निगम के हवाले किए जाने हैं उनके सरपंचों की एक बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि निगम में शामिल होने से पहले वह रैवेन्यू लैंड के संबंध में प्रशासन से स्पष्टीकरण चाहेंगे।वहीं होम सैक्रेटरी अरुण कुमार गुप्ता ने हालांकि इस मसले पर कहा है कि दो महीने में मर्जर का पूरा प्रोसैस कर दिया जाएगा।

 

आम लोगों की राय लेगा प्रशासन
प्रशासन के स्थानीय निकाय सचिव का कहना था कि इस संबंध में अधिसूचना जारी करने से पहले प्रशासन आम जनता की भी राय लेगा व उसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि किन शर्तों व नियमों के तहत गांवों को निगम के हवाले किया जाना है। उनका कहना था कि चंडीगढ़ में पंजाब न्यू कैपिटल पेरीफेरी कंट्रोल एक्ट-1952 के संबंध में हाल ही में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी टिप्पणी की है व प्रशासन उसका भी अध्ययन कर रहा है।


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pooja verma

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