पंजाब में कल दशहरे पर जलाए जाएंगे पराली से बने रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले

punjabkesari.in Thursday, Oct 18, 2018 - 01:27 PM (IST)

जालंधर: पंजाब में पराली जलाने को लेकर किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर इस मसले को लेकर जहां किसान आंदोलन करने पर ऊतारू हैं, वहीं उनको दशहरे के दिन पराली जलाने का एक अच्छा बहाना मिल गया है। पंजाब के कुछ जिलों के किसानों ने अमृतसर में हाल ही हुई बैठक में दशहरे के दिन पराली के रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाकर जलाने का फैसला किया है। जाहिर है कि अगर किसान इस फैसले को अमलीजामा पहनाते हैं तो पराली की एक बड़ी खेप बिना सरकारी हस्तक्षेप के आग के भेंट चढ़ जाएगी। भाकियू के प्रदेश महासचिव ओंकार सिंह अगोल ने भी किसानों से आह्वान किया कि 19 अक्तूबर को दशहरे पर खेतों में इकट्ठे होकर पराली के रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाएं।

पराली को जलाने से रोकने के लिए सरकार ने तैनात किए हैं 8 हजार अधिकारी
पंजाब सरकार ने राज्य में कृषि अवशेष विशेषकर धान की पराली के जलाने पर पूर्णतया रोक सुनिश्चत करने के लिये राज्य के विभिन्न विभागों के लगभग आठ हजार अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारी देने का निर्णय ले रखा है। ये नोडल अधिकारी विशेष तौर पर उन क्षेत्रों में होंगे जहां धान की फसल अधिक होती है। इन्हीं क्षेत्रों में किसानों द्वारा कृषि अवशेष जलाने की एक गम्भीर समस्या है जिससे वायुमंडल प्रदूषित होने के साथ इसका मानव जीवन पर भी गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है।

2500 रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक जुर्माना करने का है प्रावधान
सरकार के आदेशों पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व कृषि विभाग की ओर से पराली को आग लगाने वाले किसानों के साथ सख्ती से पेश आने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से पराली जलाने वाले किसानों को 2500 रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक जुर्माना किए जाने का प्रवाधान भी रखा है। इसके अलावा कृषि विभाग ने भी संबंधित किसानों को मिल रहे सरकारी लाभों पर भी कट लगाने की किसानों को चेतावनी दी गई है। किसानों को सबसिडी वाली वस्तुएं देने पर भी रोक लगाई जा सकती है। यही नहीं पराली न जलाने के जिला मैजिस्टे्रट के आदेशों का उल्लंघन करने पर किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है।

ये है किसानों की समस्या
पंजाब में सरकार किसानों के खेतों से पराली को उठवाने का अभी तक खास प्रावधान नहीं कर पाई है। किसान यदि पराली जलाते हैं तो उन्हें जुर्माना अदा करना पड. रहा है। अगर पराली को समय रहते न जलाया गया तो उनके अगली फसल की बिजाई लेट होगी। जिससे उन्हें भविष्य में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। पराली जलाने को लेकर सरकार ने अभी तक पंजाब और हरियाणा में करीब 350 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की है। उधर आज गुरूवार को किसानों ने पंजाब के रूपनगर-गढ़शंकर मुख्य मार्ग किया जाम कर दिया। रूपनगर से आम आदमी पार्टी विधायक अमरजीत सिंह भी धरने में हुए शामिल । धान की फसल की लिफ्टिंग और अदायगी ना होने के कारण किसानों ने यह लगाया धरना लगाया है। पंजाब के विभिन्न हिस्सों से भी धरने और प्रदर्शन की सूचनाएं हैं।


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Suraj Thakur

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