सबरीमाला: मंदिर में महिलाओं की एंट्री के विरोध में आज केरल बंद, धारा 144 लागू
punjabkesari.in Thursday, Oct 18, 2018 - 11:36 AM (IST)
पम्बा (केरल): सबरीमाला पहाड़ी पर स्थित अयप्पा स्वामी मंदिर में रजस्वला महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दिए जाने के विरोध में विभिन्न हिन्दू संगठनों की ओर से केरल में आज बंद बुलाया गया है जिसका असर आज सुबह से ही देखने को मिल गया। बंद के कारण बसें और ऑटोरिक्शा सड़कों से नदारद रहे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पत्तनमतिट्टा जिले में स्थित सबरीमला पहाड़ी पर जाने के तीनों मुख्य रास्तों पम्बा, निलक्कल और एरूमेली सहित विभिन्न जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों से केरल राज्य परिवहन निगम की बसों पर पथराव की सूचना है। श्रद्धालुओं के एक संगठन सबरीमला संरक्षण समिति ने निलक्कल में अयप्पा स्वामी के भक्तों पर बुधवार को हुए पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है। भाजपा और राजग सहयोगियों ने हड़ताल का समर्थन किया है। कांग्रेस का कहना है कि वह हड़ताल में शामिल नहीं होगी लेकिन पूरे प्रदेश में प्रदर्शनों का आयोजन करेगी।
बंद का ऐलान
प्रवीण तोगड़िया के नेतृत्व में दक्षिणपंथी संगठन ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद’ और ‘सबरीमाला समरक्षणा समिति’ ने मध्य रात्रि से 24 घंटे की हड़ताल शुरू करने का आह्वान किया है। भाजपा और राजग के अन्य सहयोगियों ने सबरीमाला एकश्न काउंसिल की ओर से आहूत की गई 12 घंटे की हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। यह हड़ताल श्रद्धालुओं के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में बुलाई गई है।
धारा 144 लागू
निल्लकल, पंपा, एल्वाकुलम और सन्निधनम में धारा-144 लागू कर दी गई है। इस धारा के तहत इलाके में एक साथ चार से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते हैं।
महिला पत्रकार को वापिस लौटाया
अयप्पा स्वामी के दर्शन के लिए पम्बा के रास्ते सबरीमाला पहाड़ी पर चढ़ रही दिल्ली की एक महिला पत्रकार को श्रद्धालुओं ने बीच रास्ते से लौटने पर मजबूर कर दिया। श्रद्धालुओं के विरोध को देखते हुए महिला पत्रकार को विदेशी सहकर्मी के साथ पहाड़ी से नीचे उतरना पड़ा। महिला पत्रकार किसी विदेशी मीडिया कंपनी के लिए काम करती है। श्रद्धालु ‘‘महिलाओं, वापस जाओ’’ के नारे लगा रहे थे। खबरों के अनुसार, कुछ लोगों ने तो इस प्राचीन मंदिर में महिला के प्रवेश का विरोध करते हुए उसे गालियां भी दीं। पुलिस ने हालांकि, महिला पत्रकार और उसके सहकर्मी के आसपास सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। यदि पत्रकार पहाड़ी चढ़कर मंदिर पहुंच जाती तो 28 सितंबर को आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयप्पा स्वामी मंदिर में भगवान के दर्शन करने वाली वह रजस्वला आयु वर्ग की पहली महिला होती।
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