वाहनों की कतारें देखकर ट्रैफिक लाइट खुद देंगी ग्रीन सिग्नल

punjabkesari.in Thursday, Oct 18, 2018 - 10:50 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : शहर में ट्रैफिक के हालात बिगड़ते जा रहे हैं, लेकिन सोचिए अगर आपको किसी भी चौराहे या ट्रैफिक लाइट पर रुकना न पड़े और ट्रैफिक लाइट वाहनों की कतार देख कर खुद रैड या ग्रीन लाइट का निर्धारण करें तो कितना आराम होगा। यह कोई क्यास नहीं बल्कि हकीकत में ही ऐसा होने जा रहा है बहुत जल्द चंडीगढ़ की सड़को में यह सब दिखेगा। 

स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत चंडीगढ़ में इंटीग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सैंटर स्थापित होने जा रहा है जिस पर 190  करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस सिस्टम को चार हिस्सों में बांटा गया है जिसमें इंटैलीजैंस ट्रैफिक मैनेजमैंट, सर्विलांस सिटी, ट्रैफिक कंट्रोल व ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर शामिल हैं। ट्रैफिक लाइट ऐसी होंगी। 

चार हिस्सों में बांटा गया है सिस्टम को
1. ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम
चंडीगढ़ में इस वक्त हर एक ट्रैफिक लाइट प्वाइंट पर रेड और ग्रीन लाइट का समय अलग-अलग रहता है और बदलता भी नहीं चाहे ग्रीन लाइट होने पर उस और वाहन हो या नहीं पर लाइट अपना निर्धारित समय लेगी चाहे दूसरी और वाहनों की संख्या बढ़ती जाए, लेकिन उक्त सिस्टम के तहत ट्रैफिक के फ्लो को देखते हुए लाइट्स खुद निर्धारित करेंगी कि किस और से ट्रैफिक छोडऩा है। 

2. इंटैलीजैंट ट्रैफिक मैनेजमैंट सिस्टम
स्मार्ट सिटी के इंटैलीजैंट ट्रैफिक मैनेजमैंट सिस्टम के तहत पैदल चलने वाले राहगीरों का भी ध्यान रखा गया जिनकी सुरक्षा के लिए क्रासिंग प्वाइंट्स पर ट्रैफिक लाइट की तरह लाइट लगाई जाएंगी जिसे राहगीर ऑप्रेट करेंगे। सड़क क्रॉस करने से पहले वह रैड लाइट का स्विच दबा देंगे जिसके बाद ट्रैफिक रुक जाएगा और राहगीर सड़क पार करने के बाद दूसरे छोर पर जाकर रेड लाइट ऑफ़ का बटन दबा देगा जिसके बाद ही वाहन आगे बढ़ेंगे। 

3. आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर
ट्रैफिक लाइट के भीतर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर भी लगा होगा जोकि रेड लाइट जम्प करने वाले वाहन की नंबर प्लेट की फोटो क्लिक कर लेगा जिसके बाद वाहन की आर.सी. भी इंटीग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सैंटर में लगी स्क्रीन पर आ जाएगी। यही नहीं वाहन चालक की तस्वीर और वाहन के भीतर का नजारा भी कंट्रोल सैंटर में देखा जा सकेगा। आर.सी. वाले पते पर चालान काटकर भेजा जाएगा, वॉयलेशन की तस्वीर भी भेजी जाएगी।

4. सर्विलांस सिटी : पल-पल नजर
शहर में 24 घंटे सातों दिन सर्विलांस भी शामिल है। योजना के तहत पूरे शहर में इमारतों पर,कम्युनिटी साइटस में, अस्पतालों में बस अड्डे में, रेलवे स्टेशन में, वाटर वर्क्स पर, मार्कीटों में व स्कूल कॉलेजों में हाई सिक्योरिटी कैमरे लगाए जाने हैं जोकि रात के अंधेरे में भी काम करेंगे। 

कैमरों की नजर में हर वाहन :
प्रोजैक्ट के तहत स्पीड डिटैक्टिव कैमरे लगाने की योजना भी है। ये कैमरे छिपे होंगे व हर वाहन इनके रडार पर रहेगा। तेज स्पीड वाहन चलाने पर तस्वीर और स्पीड की रिकार्डिंग कंट्रोल सैंटर में हो जाएगी।

डाटा सेव और सेफ रहेगा :
प्रोजैक्ट के तहत रिकार्ड होने वाला सारा डाटा सेव और सेफ रहेगा। इसके लिए तीन डैस्टीनेशन होंगे। एक में प्राइमरी डाटा रहेगा, दूसरे में निर्धारित किए गए समय तक का और उसके बाद क्लॉऊड स्टोरेज का सहारा लिया जाएगा जहां डाटा जब तक चाहो जितना चाहो डाटा सेव रहेगा। 
 


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Priyanka rana

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