फिर गर्माया पंजाब बोर्ड की किताबों में गलतियों का मुद्दा, लौंगोवाल बोले-SGPC लेगी एक्शन

punjabkesari.in Thursday, Oct 18, 2018 - 10:15 AM (IST)

अमृतसर (दीपक): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा 11वीं व 12वीं के इतिहास विषय की नई छापी जा रही पुस्तकों में गलतियों का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। एस.जी.पी.सी की सिख इतिहास रिसर्च बोर्ड की बुधवार को हुई मीटिंग में इस मामले पर विचार के बाद पंजाब सरकार को पत्र लिखने का फैसला किया गया है और चेतावनी दी गई है कि यदि इसमें सुधार न किया गया तो शिरोमणि कमेटी सख्त फैसले के लिए मजबूर होगी।

शिरोमणि कमेटी प्रधान गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने बताया कि सिलेबस की इन पुस्तकों संबंधी पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी में शामिल शिरोमणि कमेटी के नुमाइंदों ने लिखित तौर पर शिरोमणि कमेटी को सूचित किया है कि सिलेबस बनाने के बाद उसके अनुसार तैयार किए जा रहे अलग-अलग चैप्टरों में अनेक गलतियां पाई जा रही हैं और उनके बार-बार कहने के बावजूद सुधार नहीं किया जा रहा। इसके अलावा नए तैयार किए गए चैप्टर तो उन्हें दिखाए भी नहीं गए। सिख इतिहास रिसर्च बोर्ड की मीटिंग दौरान सचिव दिलजीत सिंह बेदी और धर्म प्रचार कमेटी की सभा के समय सचिव बलविन्द्र सिंह जौड़ासिंहा ने एजैंडा पेश किया। 

मीटिंग में अंडेमान की सैलुलर जेल से संबंधित पंजाब के आजादी संग्रामियों के मुकम्मल इतिहास की खोज से भरपूर पुस्तक सहित अलग-अलग मोर्चों को पुस्तक रूप में संभालने का फैसला किया गया। कमेटी द्वारा अलग-अलग ऐतिहासिक पुस्तकें छापने का फैसला किया गया है।  अंडेमान की सैलुलर जेल से संबंधित पंजाबियों और खासकर सिखों के इतिहास को एक पुस्तक के रूप में छापा जाएगा, जिसे लिखने की जिम्मेदारी पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से संबंधित डा. परमवीर सिंह को दी गई है। इस जेल अंदर दिखाए जाते रोशनी और आवाज प्रोग्राम से सिखों व पंजाबियों के योगदान को कम करके दिखाने के बाद शिरोमणि कमेटी ने वहां एक वफद भेजा था और अब इस संबंध में पाठकों तक सिखों के संघर्षमयी जीवन को पहुंचाने के लिए एक किताब छापी जाएगी। 

लौंगोवाल ने बताया कि प्रसिद्ध सिख इतिहासकार डा. गंडा सिंह की कुछ पुरातन पुस्तकों को दोबारा छापने की भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा 1975 के एमरजैंसी मोर्चे व 1982 के धर्म युद्ध मोर्चो से संबंधित ऐतिहासिक विवरण को संभालने का भी फैसला किया गया है और इन मोर्चों के साथ संबंधित संत हरचंद सिंह लौंगोवाल के ऐतिहासिक दस्तावेजों को भी संभाला जाएगा। उन्होंने बताया कि शिरोमणि कमेटी के 100 साला इतिहास और पटना साहिब व बंगला देश के गुरुद्वारा साहिबान के इतिहास को भी छापा जाएगा। 

 सभा दौरान धर्म प्रचार कमेटी के मैंबर भाई अजायब सिंह अभिासी, भाई प्रितपाल सिंह, सुखवर्श सिंह, अवतार सिंह, रामपाल सिंह, तेजिन्द्रपाल सिंह, मनजीत सिंह, हरविन्द्र सिंह, डा. परमवीर सिंह, प्रो. प्रभजोत कौर, सचिव अवतार सिंह, दिलजीत सिंह बेदी, बलविन्द्र सिंह, अतिरिक्त सचिव परमजीत सिंह सरोया, बिजय सिंह, निजी सहायक सुखमिन्द्र सिंह एक्सियन, उप-सचिव कुलविन्द्र सिंह, बलविन्द्र सिंह, दर्शन सिंह लौंगोवाल पी.ए., डा. अमरजीत कौर व अन्य उपस्थित थे।


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